Google भारत के 10 ऐप्स के खिलाफ लेगा एक्शन! जानें पूरा मामला

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Google: गूगल ने शुक्रवार, 1 मार्च को कहा कि वह अपनी ऐप स्टोर बिलिंग पॉलिसी को लागू करने जा रही है. इसका मतलब है कि जो कंपनी और उसके ऐप्स गूगल की ऐप बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं करते हैं, उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटाया जा सकता है.

टेक की इस दिग्गज कंपनी गूगल ने आगे कहा कि उनके पास गूगल प्ले स्टोर का उपयोग करने वाले करीब 2 लााख से भी ज्यादा ऐसे भारतीय डेवलपर्स हैं, जो उनकी पॉलिसी का पालन करते हैं. लेकिन 10 भारतीय कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने सर्विस के लिए पेमेंट नहीं करने का विकल्प चुना है.

गूगल ने क्या कहा?

गूगल ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि, “इन डेवलपर्स को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय देने के बाद, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद के भी तीन सप्ताह शामिल हैं, हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठा रहे हैं कि हमारी पॉलिसीज़ पूरी तरह से पूरे सिस्टम पर निरंतर लागू रहे, जैसा कि हम ग्लोबली किसी भी तरह के नीति उल्लंघन के लिए करते हैं.”

आपको बता दें कि Matrimony.com और Shaadi.com जैसी कुछ इंटरनेट कंपनियां है, जिन्होंने गूगल के नियमों का पालन नहीं किया और इसलिए गूगल उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटाना चाहती है. गूगल प्ले स्टोर से ना हटने के लिए इन कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन 9 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी कंपनियों के ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाए जाने का बचाव करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से मना कर दिया और कहा इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं किया बचाव

इसके बारे में गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में आगे लिखा कि किसी भी कोर्ट या रेगुलेटरी बॉडी ने गूगल प्ले को उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस के लिए फीस लेने से मना नहीं किया है. गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने गूगल प्ले स्टोर के इस अधिकार में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, लेकिन उसके बाद भी ऐसे कुछ ऐप डेवलपर्स ने अपने बिजनेस मॉडल और इकोसिस्टम को चलाना शुरू कर दिया.

आपको बता दें कि भारत के इन ऐप डेवलपर्स ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने गूगल की ऐप बिलिंग नीति को लागू करने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्ले स्टोर पर उनका बचाव करने से इंकार कर दिया. अब देखना होगा कि 19 मार्च को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाती है और इधर गूगल इन ऐप्स के खिलाफ क्या एक्शन लेता है.

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