<p>घरेलू शेयर बाजार की रिकॉर्ड रैली पिछले सप्ताह थम गई. नया शिखर छूने के बाद पिछले सप्ताह के दौरान बाजार में हर रोज गिरावट दर्ज की गई. बाजार में चौतरफा का ऐसा आलम रहा कि निवेशकों को 4 रोज में ही कई लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. अब सोमवार 25 सितंबर से बाजार के नए कारोबारी सप्ताह की शुरुआत हो रही है. आइए जानते हैं कि नया सप्ताह बाजार के लिए कैसा रहने वाला है और आने वाले दिनों में बाजार की चाल कैसे तय होने वाली है…</p>
<h3>सेंसेक्स-निफ्टी में आई ऐसी गिरावट</h3>
<p>बात पिछले सप्ताह की करें तो हर रोज बाजार में गिरावट दर्ज की गई. पिछले सप्ताह के दौरान बाजार में 4 दिन ही कारोबार हुआ. मंगलवार को <a title="गणेश चतुर्थी" href="https://www.abplive.com/topic/ganesh-chaturthi-2023" data-type="interlinkingkeywords">गणेश चतुर्थी</a> के मौके पर बाजार बंद रहा था. बाजार में गिरावट का सिलसिला सप्ताह के पहले दिन सोमवार को ही शुरू हो गया था, जो अंतिम दिन शुक्रवार तक जारी रहा. पूरे सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,829.48 अंक यानी 2.69 फीसदी के नुकसान में रहा, जबकि एनएसई निफ्टी 518.1 अंक यानी 2.56 फीसदी के घाटे में रहा.</p>
<h3>पिछले सप्ताह डूबे इतने पैसे</h3>
<p>शुक्रवार को सेंसेक्स 66,009.15 अंक पर और निफ्टी 19,674.25 अंक पर बंद हुआ था. पिछले सप्ताह बाजार के हर सेगमेंट में बिकवाली हावी रही. बाजार को एक तरफ विदेशी दबाव का सामना करना पड़ रहा था, दूसरी ओर उच्च स्तर पर बिकवाली हो रही थी. इसके अलावा एफपीआई भी बिकवाल बने हुए थे. इस चौतरफा बिकवाली के कारण सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई. सप्ताह के दौरान सेंसेक्स के 10 बड़े शेयरों में से 8 की बाजार वैल्यू 2.28 लाख करोड़ रुपये कम हो गई.</p>
<h3>इस तरह रिकॉर्ड बना रहा था बाजार</h3>
<p>उससे पहले घरेलू बाजार में शानदार रैली देखी जा रही थी. पिछले सप्ताह शुरू हुई गिरावट से पहले बाजार ने लगातार 11 कारोबारी दिन और लगातार 3 सप्ताह तेजी दर्ज की थी. इस रिकॉर्ड रैली के दम पर सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाया. निफ्टी पहली बार न सिर्फ 20 हजार अंक के स्तर के पार निकला, बल्कि सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपना नया हाई-लेवल भी बनाया.</p>
<h3>इनसे तय होगी बाजार की चाल</h3>
<p>कल से शुरू हो रहे सप्ताह की बात करें तो इस दौरान बाजार पर बाहरी संकेत हावी रहने वाले हैं. फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह की बैठक में ब्याज दर को तो स्थिर रखा, लेकिन उसका रुख अभी भी कठोर बना हुआ है. इससे वैश्विक बाजार पर प्रेशर बना रह सकता है. डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है और कच्चे तेल के भाव में भी तेजी का रुख बना हुआ है. ये सारे फैक्टर मिलकर घरेलू बाजार पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं.</p>
<p>घरेलू स्तर पर देखें तो नए सप्ताह के दौरान मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी है. बाजार की चाल पर इसका बड़ा असर दिख सकता है. </p>
<p><strong>डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.</strong></p>
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