दुनिया की कुल आबादी में से कितने लोग चलाते हैं मोबाइल इंटरनेट? न यूज करने की 3 बड़ी वजह

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Internet Users Across globe: इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बना चुका है. इसके बिना काम-काज और जिंदगी जीना अब मुश्किल है. दिन प्रतिदिन मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. 2023 के अंत तक दुनिया की कुल आबादी में से 460 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. जीएसएमए की “द स्टेट ऑफ मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी रिपोर्ट 2023” के अनुसार, दुनिया की 57 प्रतिशत (लगभग 460 करोड़) आबादी अब मोबाइल इंटरनेट का उपयोग कर रही है. हालांकि 2021 की तुलना में इंटरनेट एडॉप्शन रेट कम हुआ है.

जिन लोगों को नहीं पता कि GSMA क्या है तो दरअसल, ये एक गैर-लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर में मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करता है. रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि कनेक्टिविटी होने के बावजूद कुल आबादी का 38 फीसदी हिस्सा उन इलाकों में रह रहा है जहां मोबाइल इंटरनेट तो उपलब्ध है लेकिन वे इसका लाभ या सेवा नहीं ले रहे हैं.

इंटरनेट न यूज करने की 3 वजह 

GSMA की रिपोर्ट में जिन देशों का सर्वे किया गया और जहां इंटरनेट होने के बावजूद लोगों ने इसका लाभ नहीं लिया, इसके पीछे 3 मुख्य कारण हैं. पहला मोबाइल के लिए पैसे न होना, दूसरा स्मार्टफोन चलाने की स्किल्स में कमी और आखिरी पढ़ाई-लिखाई से दूर होना. रिपोर्ट में बताया गया कि 80% लोग मोबाइल इंटरनेट के बारे में जानते हैं लेकिन वे इसका इस्तेमाल नहीं करते. 

2G और 3G से आज भी आ रहा ज्यादा ट्रैफिक 

“द स्टेट ऑफ मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी रिपोर्ट 2023” में बताया गया कि 2G और 3G अभी भी अधिकांश ट्रैफिक के लिए जिम्मेदार है. खासकर निम्न से मध्यम आय वाले देशों में सबसे ज्यादा ट्रैफिक इन 2 नेटवर्क से आता है. रिपोर्ट में कहा गया कि पृथ्वी की 90 प्रतिशत आबादी 4G द्वारा कवर है और लगभग 32 प्रतिशत के पास 5G कवरेज है जो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत बड़ा है.

साउथ एशिया में लगभग 100 करोड़ नहीं यूज करते इंटरनेट 

साउथ एशिया में लगभग 100 करोड़ लोग ऐसे हैं जहां मोबाइल इंटरनेट तो उपलब्ध है लेकिन वे उसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसमें से करीब 8 करोड़ लोग ऐसी जगहों में रहते हैं जहां इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है. वहीं, इंटरनेट से कनेक्टेड लोगों की संख्या 84 करोड़ है. मोबाइल कनेक्टिविटी इंडेक्स के अनुसार, पिछले साल दक्षिण एशिया में शीर्ष देश भारत था, जहां 99 प्रतिशत आबादी मोबाइल इंटरनेट से जुड़ी थी, जिनमें से 60 प्रतिशत के पास मोबाइल ब्रॉडबैंड कनेक्शन था.

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