वर्ल्ड कप में क्यों लगातार फिसड्डी साबित हो रही पाकिस्तान टीम, मिस्बाह उल हक ने बताई वजह

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Pakistan Cricket Team: इस वर्ल्ड कप में पाकिस्तान टीम का सफर खत्म हो चुका है. बाबर आज़म की यह टीम अपना आखिरी लीग मैच भी हार चुकी है. इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में भी उन्हें … रनों की एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि, पाकिस्तान अपने इस आखिरी मैच में जीत भी जाती, फिर भी सेमीफाइन के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाती, क्योंकि उनका नेट रन रेट न्यूज़ीलैंड के मुकाबले काफी कम है. इस कारण न्यूज़ीलैंड इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चौथी टीम बन चुकी है.

इस मैच से पहले पाकिस्तान टीम को उम्मीद थी कि वो इंग्लैंड केे खिलाफ कोई करिश्माई जीत हासिल करके न्यूज़ीलैंड के ऊपर पहुंच जाएगी, लेकिन उनका नेट रन रेट इतना कम था कि सिर्फ एक मैच में अच्छा करके न्यूज़ीलैंड से आगे निकलना संभव नहीं था. पाकिस्तान की टीम इस वर्ल्ड कप के साथ-साथ पिछले दो वर्ल्ड कप में भी सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थी. पाकिस्तान की टीम आखिरी बार 2011 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जहां उन्हें भारत के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी.

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने किया बड़ा खुलासा

उसके बाद लगातार तीन वर्ल्ड कप में पाकिस्तान सेमीफाइनल तक नहीं पाई है. वर्ल्ड कप में बार-बार पाकिस्तान की ऐसी हालत के पीछे नेट रन रेट बड़ी वजह रहा है. पाकिस्तान के इस बुरे प्रदर्शन का कारण बताते हुए उनके पूर्व क्रिकेटर और कप्तान मिस्बाह उल हक ने एक पाकिस्तानी चैनल ए स्पोर्ट्स पर बताया कि, “नेट रन रेट में हमारी पीछे रहने की सबसे बड़ी वजह ये है कि जब हम वनडे सीरीज जीतते हैं, उसके बाद हमारी कमजोरी क्या रही, इसपर कोई ध्यान नहीं देता. जीतने के बाद हम सबकुछ भूल जाते हैं. यानी अगर आप बाइलेटरल सीरीज जीतने के बाद भी अपने गेम में सुधार नहीं करोगे तो ऐसा ही हाल होगा. जब आप बड़े टूर्नामेंट में जाओगे तो एक के बाद एक आपकी कमजोरियां सामने आ जाएंगी.”

पाकिस्तान के इस पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि, “जब (वर्ल्ड कप से पहले) पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी अच्छी चल रही थी, तब किसी ने भी पाकिस्तान की स्पिन गेंदबाजी पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि टीम जीत रही थी. अब जब बड़े टूर्नामेंट में आपके तेज गेंदबाज नहीं चले तो स्पिन गेंदबाजी से भी हम कुछ नहीं कर पाए, और वो हमारी सबसे बड़ी कमजोरी बनी. इसलिए हमें इसके प्रोसेस को लगातार फॉलो करना होगा और मैच जीतने के बाद भी कमियां ढूंढकर उनमें सुधार करते रहना होगा.”

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