नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का आगाज, जानें इस पर्व का शास्त्रीय महत्व और मंगल गीत

[ad_1]

छठ पर्व का प्रथम दिन: नहाय खाय

चार दिवसीय छठ पर्व का आज शुक्रवार 17 नवंबर 2023 के दिन से आगाज हो चुका है. छठ पूजा चार दिनों तक मनाई जाती है. 17 नवंबर से शुरू होकर छठ पूजा का समापन 20 नवंबर 2023 को होगा. इसमें छठ व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर उगले व डूबते सूर्य को अर्घ्य देती है और षष्ठी माता की पूजा करती हैं.

छठ पूजा के प्रथम दिवस को नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है. यानी इस  दिन व्रती सुबह उठकर स्नान करती है. इसका अर्थ है नहाय. इसके दूसरे भाग में खाय अर्थात खाना. यानी स्नान के बाद खाना. लेकिन यह वही रोजमर्रा वाला खाना नहीं, बल्कि इस दिन विशेष रूप से दूधी (लौकी) और चने की दाल को घी में छौंककर सब्जी बनाई जाती है और इसे चावल के साथ खाया जाता है. छठ पूजा के पहले दिन यही सात्विक प्रसाद होता है.

हालांकि इसका कोई शास्त्रीय प्रमाण नहीं है बल्कि हमारे पुराणों में यह सब लोक परंपराओं के अनुसार चलता आया है और इसे मानना भी चाहिए. क्योंकि मनुस्मृति 2.6 मेधातिथि भाष्य भी कहती है कि पुरानी परंपरा अच्छी है तो इसे मानना कोई बुरी बात नहीं है.

मान्यताओं के अनुसार केवल भोजन की शुद्धता और सात्विकता का ही नहीं बल्कि आचरण में शुद्धता और सात्विकता अपेक्षित होती है. छठ पर्व पर कई नियमों का पालन किया जाता है. इसी साथ छठ पर मंगल गीतों के गाने की परंपरा भी रही है. क्योंकि इस समय परिवार और स्नेहीजन के एकत्रित होने का संयोग भी होता है और सभी मिलकर छठ पूजा के लोकव पांरपरिक गीत गाते हैं.

बहरहाल आहार और व्यवहार की अपेक्षाकृत सात्विकता के साथ इस महापर्व का आरम्भ हो गया है. लीजिए एक छठ गीत पढ़िए-

कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, बहंगी लचकत जाए 

होई ना बलम जी कहरिया,बहंगी घाटे पहुंचाए, बहंगी घाटे पहुंचाए 

कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, बहंगी लचकत जाए 

बाटे जे पुछेला बटोहिया, बहंगी केकरा के जाए, बहंगी केकरा के जाए 

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया, बहंगी छठ मैया के जाए, बहंगी छठ मैया के जाए ॥ 

ऊंहवे जे बारी छठी मैया, बहंगी उनके के जाए, बहंगी उनके के जाए 

कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, बहंगी लचकत जाए।।”

ये भी पढ़ें: आज से चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा की शुरुआत, जानें इस पर्व का शास्त्रीय प्रमाण और लोकाचार परंपरा

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *