डायनामिक फेयर से मची ऐसी लूट कि आम आदमी के लिए ट्रेन भी बन गई एयरप्‍लेन!

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<p>भारतीय रेल देश में हर रोज लाखों-करोड़ों लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाती है. इसके लिए कई ट्रेनों का रोजाना संचालन किया जाता है. ट्रेन से सफर करने वालों में वैसे डेली यात्री भी होते हैं, जो ऑफिस से घर और घर से ऑफिस का सफर तय करते हैं. बड़ी संख्या एक शहर से दूसरे शहर या काम के शहर से मूल गांव तक का सफर करने वाले यात्रियों की भी होती है.</p>
<h3>त्योहारों में बढ़ जाते हैं यात्री</h3>
<p>यूं तो हर रोज बड़ी संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं, लेकिन कुछ खास मौकों पर ट्रेन से सफर करने वालों की संख्या खासी बढ़ जाती है. पर्व-त्योहार के दिनों में वैसे प्रवासी अपने घर यानी मूल स्थान की ओर लौटने लगते हैं, जो काम-काज या पढ़ाई के सिलसिले में कहीं दूर रह रहे होते हैं. इन दिनों कुछ वैसा ही समय चल रहा है. दशहरा-दिवाली जैसे त्योहार बीत चुके हैं, लेकिन आज से छठ की शुरुआत हो गई है. बिहार और उत्तर प्रदेश में छठ मनाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में लोग दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, जिससे ट्रेनों के ऊपर दबाव बढ़ा हुआ है.</p>
<h3>त्योहारों के बाद भी किराया ज्यादा</h3>
<p>यह कहानी कोई आज की नहीं है. सालों से यह कहानी नियम की तरह हर बार दोहराई जाती है. त्योहार आने से पहले ट्रेनों की टिकटें फुल हो जाती हैं. त्योहारी महीनों में ट्रेन के डिब्बों में अमानवीय तरीकों से सफर करने पर मजबूर लोगों की तस्वीरें हर साल ताजी होती हैं. इसके साथ ही एक और कहानी हर बार लिखी जाती है, और वो कहानी है आसमान छूते ट्रेन के किरायों की. इस बार तो स्थिति और भी बदतर लग रही है. ट्रेन के किराए प्लेन को मात दे रहे हैं. त्योहारों के बाद भी किराए आसमान पर हैं.</p>
<h3>इस दिन का देख लीजिए हाल</h3>
<p>इसे आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं. आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर हमने मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से पटना जंक्शन के लिए 21 नवंबर की ट्रेन &nbsp;के लिए इंक्वायरी की. 21 नवंबर छठ का आखिरी दिन है. मतलब छठ पर होने वाली त्योहारी भीड़ का दबाव भी इस रोज नहीं हो सकता है, क्योंकि मुंबई से छठ के लिए जिसे भी आना होगा, वो किसी भी सूरत में 21 नवंबर से पहले-पहले पहुंचेगा. उसके बाद भी 21 नवंबर के लिए जो किराया दिख रहा है, उससे आप हैरान रह सकते हैं.</p>
<h3>स्लीपर का किराया ट्रिपल</h3>
<p>इंक्वायरी करने पर पहली ट्रेन सामने आती है मुंबई-पटना सुविधा एक्सप्रेस. 21 नवंबर के लिए स्लीपर क्लास में वेटिंग 20 पर है और किराया 2,625 रुपये पर. फेयर का ब्रेक अप चेक करते हैं तो पता चलता है कि बेस फेयर यानी मूल किराया 857 रुपये है. उसमें 20 रुपये का रिजर्वेशन चार्ज और 30 रुपये का सुपरफास्ट चार्ज लग रहा है. जिस चीज से सबसे बड़ा फर्क पड़ रहा है, वह है डायनामिक फेयर. ब्रेक अप में डायनामिक फेयर 1,714 रुपये दिखा रहा है. यानी मूल किराए का सीधा डबल. टोटल किराया इस तरह से मूल किराए के तीन गुने से ज्यादा हो जा रहा है.</p>
<p><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/17/95162e82c8a9d8c29e9df54c56b29fcf1700226137404685_original.jpg" /></p>
<h3>प्लेन के बराबर थर्ड एसी का फेयर</h3>
<p>थर्ड एसी का जब हमने चेक किया तो उसमें 36 टिकटें अवेलेबल दिख रहे थे. थर्ड एसी के मामले में बेस फेयर 2,083 रुपये मिल रहा है. उसके ऊपर से 40 रुपये का रिजर्वेशन चार्ज और 45 रुपये का सुपरफास्ट चार्ज. डायनामिक फेयर इस मामले में भी मूल किराए का डबल यानी 4,166 रुपये हो जा रहा है. थर्ड एसी के टिकट में 317 रुपये की जीएसटी लग रही है. इस तरह 21 नवंबर के लिए टोटल किराया 6,655 रुपये पर पहुंच जा रहा है.</p>
<p><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/17/0c0be89b02aa6d083e79c0d067360a4e1700226100426685_original.jpg" /></p>
<h3>आम दिनों में फ्लाइट का हाल</h3>
<p>यह कोई एक रूट की कहानी नहीं है. यही कहानी दिल्ली-पटना रूट की है. लोग चेयर कार तक में बैठने के लिए 3-4 हजार रुपये तक भरने पर मजबूर हैं. सामान्य दिनों में दिल्ली से पटना का एयर फेयर यानी फ्लाइट का किराया 4-5 हजार रुपये रहता है, जबकि मुंबई से पटना के लिए साढ़े छह से सात हजार रुपये में फ्लाइट का टिकट मिल जाता है. मतलब इन दिनों किराए के मामले में ट्रेन की टक्कर सीधे प्लेन से हो रही है.</p>
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