एक्सरसाइज करते समय इन संकेतों को न करें इग्रोर, बढ़ सकता है हार्ट अटैक का रिस्क

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हार्ट अटैक आज जानलेवा बनता जा रहा है. साल दर साल इससे होने वाले मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. कोरोना के बाद तो दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. कार्डियो मैटाबोलिक इंस्टीट्यूट की रिसर्च के मुताबिक, साल 2016 से लेकर 2023 तक 20 से 30 साल वालों में हार्ट अटैक के केस हर साल दो फीसदी तक बढ़े हैं.

हार्ट अटैक आज जानलेवा बनता जा रहा है. साल दर साल इससे होने वाले मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. कोरोना के बाद तो दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. कार्डियो मैटाबोलिक इंस्टीट्यूट की रिसर्च के मुताबिक, साल 2016 से लेकर 2023 तक 20 से 30 साल वालों में हार्ट अटैक के केस हर साल दो फीसदी तक बढ़े हैं.

जिम में वर्कआउट करने के दौरान भी हार्ट अटैक आने में तेजी आई है. कई मामलों में तो मौके पर ही मौत हो गई  है. इसका कारण डॉक्टर दिल की नसों में हुए ब्लड क्लॉट बनना बता रहे हैं. ऐसे में एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ध्यान रख हार्ट अटैक के रिस्क (Heart Attack Risk) को कम कर सकते हैं.

जिम में वर्कआउट करने के दौरान भी हार्ट अटैक आने में तेजी आई है. कई मामलों में तो मौके पर ही मौत हो गई है. इसका कारण डॉक्टर दिल की नसों में हुए ब्लड क्लॉट बनना बता रहे हैं. ऐसे में एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ध्यान रख हार्ट अटैक के रिस्क (Heart Attack Risk) को कम कर सकते हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक, जिम या डांस करते समय शरीर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है. जिसका असर हार्ट पर पड़ता है. हार्ट तेजी से पंप करने लगता है

डॉक्टरों के मुताबिक, जिम या डांस करते समय शरीर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है. जिसका असर हार्ट पर पड़ता है. हार्ट तेजी से पंप करने लगता है

नसों में ब्लड की सप्लाई तेज होने से हार्ट ठीक तरह से फंक्शन नहीं कर पाता है और अटैक आ जाता है. 50 से 70 फीसदी तक ब्लॉकेज वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा बढ़ रही है. इसकी वजह से हार्ट अटैक आ रहा है.

नसों में ब्लड की सप्लाई तेज होने से हार्ट ठीक तरह से फंक्शन नहीं कर पाता है और अटैक आ जाता है. 50 से 70 फीसदी तक ब्लॉकेज वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा बढ़ रही है. इसकी वजह से हार्ट अटैक आ रहा है.

कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक, आजकल की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि हार्ट अटैक किसी भी उम्र में आ सकता है. ऐसे में इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. हार्ट की जांच समय-समय पर करानी चाहिए. एंडियोग्राफी से लेकर कई तह के टेस्ट से हार्ट में ब्लॉकेज की जानकारी मिल जाती है. ऐसे में अगर टेस्ट में ब्लॉकेज पाया जाता है तो एक्सरसाइज के दौरान सावधानी बरतें. डॉक्टर से सलाह लें.

कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक, आजकल की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि हार्ट अटैक किसी भी उम्र में आ सकता है. ऐसे में इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. हार्ट की जांच समय-समय पर करानी चाहिए. एंडियोग्राफी से लेकर कई तह के टेस्ट से हार्ट में ब्लॉकेज की जानकारी मिल जाती है. ऐसे में अगर टेस्ट में ब्लॉकेज पाया जाता है तो एक्सरसाइज के दौरान सावधानी बरतें. डॉक्टर से सलाह लें.

अचानक से हैवी वर्कआउट करने से बचें. हमेशा हल्की एक्सरसाइज से ही शुरुआत करें.  एक्सरसाइज के दौरान बेचैनी महूसस होने पर तुरंत वर्कआउट छोड़ दें. स्टेरॉयड लेकर हैवी वर्कआउट करने से बचें. चेस्ट में होने वाले दर्द को हल्के में न लें और डॉक्टर से जरूर मिलें.

अचानक से हैवी वर्कआउट करने से बचें. हमेशा हल्की एक्सरसाइज से ही शुरुआत करें. एक्सरसाइज के दौरान बेचैनी महूसस होने पर तुरंत वर्कआउट छोड़ दें. स्टेरॉयड लेकर हैवी वर्कआउट करने से बचें. चेस्ट में होने वाले दर्द को हल्के में न लें और डॉक्टर से जरूर मिलें.

Published at : 04 Apr 2024 07:18 PM (IST)

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