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Wide Ball Controversy: बांग्लादेश के खिलाफ शुक्रवार को खेले गए वर्ल्ड कप मुकाबले में टीम इंडिया की जीत से ज्यादा चर्चे विराट कोहली की शतक के हो रहे हैं. दरअसल, इस मुकाबले में विराट कोहली का शतक कुछ इस तरह से आया कि इसे लेकर खूब बहस चल रही है. विराट के इस शतक में केएल राहुल के योगदान की तो चर्चा हो ही रही है, साथ ही इसमें सबसे बड़ा रोल अंपायर रिचर्ड केटलबरो का भी बताया जा रहा है.
दरअसल, टीम इंडिया को जब जीत के लिए महज दो रन की दरकार थी, तब विराट कोहली शतक से तीन रन दूर थे. यहां नासुम अहमद ने बॉल लेग साइड में फेंक दी. हालांकि अंपायर ने इस बॉल को वाइड करार नहीं दिया. सोशल मीडिया पर तभी से अंपायर के इस फैसले पर सवाल उठने लगे कि उन्होंने विराट के शतक के लिए नासुन की गेंद को वाइड नहीं दी. हालांकि परिस्थिति को देखें और आईसीसी के नियमों को भी देखें तो अंपायर के इस फैसले से विराट के शतक का कोई लेना-देना नहीं है.
क्या कहते हैं वाइड बॉल के नियम?
पिछले साल जारी हुए ICC के नए नियमों के मुताबिक, अगर गेंदबाज के रन-अप के वक्त बल्लेबाज जहां खड़ा होता है, वहां से गेंद गुजरती है और बल्लेबाज वह जगह छोड़ देता है तो ऐसे में अंपायर पर निर्भर करता है कि वह उस बॉल को वाइड करार दे या नहीं. बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में जब गेंदबाज ने बॉल के लिए रन-अप लिया तो विराट कोहली लेग स्टंप के बाहर खड़े हुए थे. लेकिन बॉल के करीब आने के दौरान वह ऑफ स्टंप की तरफ बढ़ गए, जिससे गेंद लेग साइड से कीपर के हाथों में चली गई. अगर विराट अपनी जगह नहीं छोड़ते तो गेंद उनके पैड से टकराती. ऐसे में अंपायर का इस गेंद को वाइड न देना किसी भी तरह से गलत नहीं था.
Umpire doesn’t give wide to virat
Best moment of match. 🤣🔥🔥#INDvsBAN #ViratKohli pic.twitter.com/L621N4ciur
— Saurabh Raj (@sraj57454) October 19, 2023
वाइड होती तो भी शतक पूरा कर लेते विराट
अंपायर चाहते तो इस गेंद को वाइड दे सकते थे. अगर वह ऐसा करते तो भी विराट अपना शतक पूरा कर लेते. ऐसा इसलिए क्योंकि वाइड होने के बाद भी भारत को जीत के लिए एक रन की दरकार होती और विराट ने वैसे भी आखिरी में छक्का जड़ ही दिया था. यानी विराट के इस शतक में अंपायर की भूमिका बिल्कुल शून्य साबित होती है.
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