Uday Kotak: इस साल आर्थिक उठापटक के लिए रहना होगा तैयार, उदय कोटक ने दी चेतावनी

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High Interest Rate: कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के फाउंडर और नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर उदय कोटक (Uday Kotak) ने आर्थिक मोर्चे पर भारी उठापटक की चेतावनी दी है. उदय कोटक का कहना है कि हम सभी को बढ़ी हुई ब्याज दरों को झेलने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. अमेरिका में बढ़ती महंगाई के चलते वहां ब्याज दरों में कटौती का फैसला टाल दिया गया है. ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) के दाम बढ़ते जा रहे हैं. इसके चलते पूरी दुनिया को ऊंची ब्याज दरों को झेलना पड़ेगा. इनमें भारत भी शामिल है. 

अमेरिका में बढ़ती महंगाई से फेड रिजर्व परेशान 

उदय कोटक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अमेरिका में बढ़ती महंगाई से यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) परेशान है. यही वजह है कि तमाम उम्मीदों के बावजूद फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की है. इसका ग्लोबल असर हमें जल्द ही दिखाई देगा. हम सभी के पास सिर्फ एक वाइल्ड कार्ड है. वह है चीन का आर्थिक रूप से कमजोर होना. इसलिए ग्लोबल उठापटक के लिए आप सभी को तैयार हो जाना चाहिए.  

उपभोक्ता वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ रहे 

यूएस फेड रिजर्व ने 10 अप्रैल को ही महंगाई का डेटा जारी किया है. इससे पता चल रहा है कि वहां उपभोक्ता वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. साथ ही गैस, किराया और कार इंश्योरेंस की कीमत में भी उछाल आया है. फरवरी से मार्च के बीच कीमतें 0.4 फीसदी और सालाना आधार पर 3.8 फीसदी बढ़ चुकी हैं. यह फेड रिजर्व के 2 फीसदी लक्ष्य से काफी ऊपर है. महंगाई ने फेड रिजर्व को अधर में लटका दिया है. मार्च में यह अनुमान लगाया गया था कि फेड रिजर्व साल 2024 में कम से कम तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. अभी भी कुछ अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि जून या जुलाई में फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा. 

कच्चे तेल की कीमतों में भी आया उछाल 

ब्रेंट क्रूड ऑयल भी 90 डॉलर का आंकड़ा छू चुका है. दुनिया में कई जगह चल रहे संघर्ष और ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती ने कच्चे तेल की कीमतों के आग लगा दी है. इस साल कच्चे तेल के दाम लगभग 17 फीसदी ऊपर जा चुके हैं. हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी ब्याज दरों को लगातार 7वीं बार 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है. उदय कोटक ने सीएनबीसी टीवी 18 के एक कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई ब्याज दरों को स्थिर रखकर महंगाई से लड़ने की कोशिश कर रहा है. वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है.

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