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Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म (Hindu Dharam) के प्रमुख पर्वों में से एक है. साल 2024 में शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो चुकी है. नवरात्रि में महाअष्टमी और महानवमी की तिथियों का बहुत महत्व है. लेकिन इस साल अष्टमी (Ashtami) और नवमी (Navami) की डेट को लेकर लोगों में संयश बताया जा रहा है. क्या अष्टमी और नवमी अलग-अलग दिन या दोनों की एक दिन पड़ेगी.
दुर्गा अष्टमी 2024 तिथि (Ashtami Tithi 2024)
- अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को 12.31 मिनट, दोपहर पर हो रही है.
- अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर 2024, शनिवार को 12.06 मिनट, दोपहर पर समाप्त हो रही है.
दुर्गा नवमी 2024 तिथि (Navami Tithi 2024)
- नवमी तिथि की शुरुआत 11 अक्टूबर 2024, शनिवार को 12.06 दोपहर मिनट पर होगी.
- नवमी तिथि 12 अक्टूबर, 2024 10.57 मिनट तक रहेगी.
ऐसे में साल 2024 में शारदीय नवरात्रि में महाअष्टमी और महानवमी एक ही दिन पड़ने से एक ही दिन मनाई जाएगी. यानि 11 अक्टूबर को दोनों पर्व एक साथ मना सकते हैं. 12.06 मिनट से पहले आप अष्टमी पूजन कर सकते हैं, और 12.06 मिनट के बात महानवमी पूजन कर सकते हैं.
कन्या पूजन 2024 (Kanya Pujan 2024)
महाअष्टमी और माहनवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. इस दिन 9 कन्याओं को पूजा जाता है और उन्हें घर पर आमंत्रित कर भोजन और भेंट दी जाती है. उनका आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा किया जाता है. ऐसा करने से महा दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार, महा नवमी के दिन देवी दुर्गा ने दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध किया था.
कन्या पूजन 2024 विधि (Kanya Pujan 2024 Vidhi)
- इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ कन्या पूजन करें.
- पूजा घर की साफ-सफाई अच्छे से करें.
- कन्याओं को आदर सहित घर पर आमंत्रित करें.
- उनके चरण धोए, और कलावा बांधे.
- माता रानी के समझ घी का दीपक जलाएं.
- धूप, दीप जलाकर मां की आरती करें.
- मां को प्रसाद का भोग लगाएं.
- प्रसाद में मां को हलवा, चना, पूरी का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
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