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SEBI Acts Against JM Financial: आरबीआई के बाद शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने भी जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने जेएम फाइनेंशियल पर किसी भी आईपीओ के लीड मैनेजर के तौर पर कार्य करने पर रको लगाने का फैसला किया है. सेबी का ये फिलहाल अंतरिम आदेश है. दो दिन पहले मंगलवार 5 मार्च को आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड के शेयर्स, डिबेंचर्स के बदले में लोन देने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद सेबी की ओर से ये कार्रवाई की गई है.
सेबी ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि सेबी ने 2023 में नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स के पब्लिक इश्यू की रुटीन जांच करने का फैसला किया. इस जांच के दौरान सेबी ने पाया कि एक एनसीडी इश्यू के मामले में जिन निवेशकों को सिक्योरिटीज अलॉट किया गया था उन्होंने लिस्टिंग के दिन ही बेच दिया. सिक्योरिटीज के होल्डिंग पैटर्न से पता लगा कि बड़ी संख्या में सिक्योरिटीज बेचा गया जिसके बाद रिटेल होल्डिंग में बड़ी गिरावट आ गई जो हैरान करने वाला था.
सेबी के मुताबिक एके कैपिटल सर्विसेज, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और ट्रस्ट इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स इस इश्यू के लीड मैनेजर्स थे. लिस्टिंग के दिन के ट्रांजैक्शन की जांच से पता लगा कि जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड जिसे नोटिस जारी किया गया उसकी सब्सिडियरी ने इन निवेशकों के ट्रे़ड के काउंटरपार्टी के तौर पर कार्य किया था और इन निवेशकों को निवेश के लिए एनसीडी में निवेश करने के लिए फंड मुहैया कराया था. जिस भी इश्यू में जेएम फाइनेंशियल लीड मैनेजर के तौर पर कार्य कर रहा है उसे उन मामलों में सेबी के इस आदेश के 60 दिनों तक लीड मैनेजर के तौर पर कार्य करने की इजाजत होगी.
आरबीआई ने भी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के खिलाफ की गई जांच में पाया कि कंपनी खास कस्टमर्स के समूह को आईपीओ और एनसीडी ऑफरिंग में आवेदन करने के लिए लोन देकर फंडिंग करती है. और कम मार्जिन पर ये लोन दिया जा रहा था. इन कस्टमर्स से पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर कंपनी सब्सक्रिप्शन के आवेदन, डिमैट अकाउंट्स और बैंक अकाउंट्स को ऑपरेट कर रही थी.
आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड द्वारा शेयर्स डिबेंचर्स पर लोन देने पर भी रोक लगा दी साथ ही आईपीओ में शेयर्स या डिबेंचर्स के सब्सक्रिप्शन के लिए लोन देने पर भी रोक लगाने का फैसला लिया है. आरबीआई ने बताया कि जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के लोन देने के प्रोसेस में कई प्रकार की खामियां पाई गई है. रेग्यूलेटरी नियमों के उल्लंघन के साथ गवर्नेंस का भी गंभीर मुद्दा है. आरबीआई के इस फैसले के बाद जेएम फाइनेंशियल के शेयर्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी.
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