PPF सुकन्या समृद्धि समेत सभी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों पर वित्त मंत्रालय लेगा फैसला

[ad_1]

Small Saving Schemes Rates: दुनियाभर में ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू हो चुका है. अक्टूबर महीने के दूसरे हफ्ते में भारतीय रिजर्व बैंक भी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में ब्याज दरों को लेकर फैसला लेने वाला है. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी है सरकार इस महीने के आखिर में वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए  छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों को लेकर क्या फैसला लेती है. छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को राहत मिलेगी या उनपर आने वाली आफत!

30 सितंबर को ब्याज दरों पर फैसला 

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों को विभाग 30 सितंबर 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना समेत पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीमों के ब्याज दरों का एलान करेगी. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इस बात के आसार ज्यादा हैं कि 1 अक्टबर 2024 से लेकर 31 दिसंबर 2024 के बीच की तीसरी तिमाही में भी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में सरकार कोई बदलाव नहीं करेगी और इसे जस का तस रखा जाएगा. लेकिन आरबीआई की ओर से ब्याज दरें घटाने के सिलसिले की शुरुआत के बाद इस बात के आसार हैं कि सरकार भी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों को घटा सकती है.  

सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज

सुकन्या समृद्धि योजना पर फिलहाल सालाना 8.2 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. पोस्ट ऑफिस सेविंग डिपॉजिट पर 4 फीसदी, 1 साल की अवधि वाले डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी, 2 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी, 5 साल के डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी ब्याज और 5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है.  दिया जा रहा है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर फिलहाल 8.2 फीसदी, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.7 फीसदी और किसान विकास पत्र पर 7.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है. 3  साल की अवधि वाले डिपॉजिट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. 

PPF के निवेशक हुए निराश 

सरकार ने सभी छोटी बचत योजनाओं पर पिछले दो वर्षों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है लेकिन पीपीएफ के ब्याज दरों में वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से ही ब्याज कोई बदलाव नहीं किया है जिससे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश करने वाले निवेशकों को बेहद निराशा हुई है. और अब तो ब्याज दरें घटने का दौर शुरू होने वाला है. यानि उच्च ब्याज दरों के दौर में भी पीपीएफ पर सरकार ने ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. पर छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों की नजर वित्त मंत्रालय पर है कि इन स्कीमों के ब्याज दरों को लेकर वो क्या फैसला लेती है.   

ये भी पढ़ें 

2024 Asia Power Index: भारत बन गया तीसरी बड़ी ताकत, एशिया पावर इंडेक्स में जापान को छोड़ा पीछे

 

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *