NCPCR ने रक्षाबंधन के दौरान राखी तिलक लगाकर स्कूल जाने वाले छात्रों को लेकर कही यह बात

[ad_1]

NCPCR on Raksha Bandhan: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने रक्षाबंधन त्यौहार के समय स्कूलों की ओर से पेश किए जाने वाले रवैये को देखते हुए एक पत्र जारी किया है. जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल रक्षाबंधन के राखी, तिलक व मेहंदी लगाकर आने वाले छात्र-छात्राओं को दण्डित न करें. साथ ही एनसीपीसीआर ने संबंधित अधिकारियों से इस बात सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है.

बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर (NCPCR) की तरफ से स्कूलों से कहा गया है कि यदि विद्यार्थी रक्षाबंधन के समय स्कूलों में राखी, तिलक व मेहंदी लगाकर आएं तो उन्हें दंडित न किया जाए. राज्यों व केंद्र शासित राज्यों के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी किए गए एक पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है पिछले कुछ सालों में समाचार रिपोर्टों के जरिए देखने को मिला है कि त्योहारों के दौरान स्कूल के शिक्षकों तथा अन्य कर्मियों की ओर से विद्यार्थियों का उत्पीड़न हुआ है.

आरटीई अधिनियम का भी दिया हवाला

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि ये भी देखने में आया है कि स्कूलों की तरफ से बच्चो को रक्षाबंधन के त्यौहार के समय राखी, तिलक और मेहंदी लगाने की अनुमति नहीं मिलती है. साथ ही छात्र-छात्राओं को शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से परेशान भी किया जाता है. यह ध्यान रखा जाए कि आरटीई अधिनियम, 2009 के धारा 17 के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है.

अधिकारी करें सुनिश्चित

बाल अधिकार निकाय ने ये भी कहा है कि संबंधित अधिकारी आवश्यक निर्देश जारी करें साथ ही ये सुनिश्चित करें कि स्कूल ऐसी किसी भी प्रथा का पालन न करें जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े.

यह भी पढ़ें- Railway Recruitment 2023: इंडियन रेलवे में निकली 2 हजार से ज्यादा पद पर भर्तियां, फटाफट करें अप्लाई

Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *