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HDFC Bank Stock: देश की सबसे बड़ी निजी बैंक एचडीएफसी बैंक के स्टॉक में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रहा है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में एचडीएफसी बैंक का शेयर 1.53 फीसदी या 23.70 रुपये गिरकर 1529.65 रुपये पर क्लोज हुआ है. पिछले चार कारोबारी सत्र में स्टॉक में 6.11 फीसदी की गिरावट आई है और बैंक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1 लाख करोड़ रुपये का सेंध लग चुका है. एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप घटकर 11,59,495 करोड़ रुपये पर आ चुका है.
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट में बड़ा योगदान एचडीएफसी बैंक का रहा है क्योंकि दोनों ही इंडेक्स सेंसेक्स निफ्टी में सबसे ज्यादा वेटेज एचडीएफसी बैंक का है. स्टॉक को लेकर सेंटीमेंट बिगड़ने के चलते विदेशी निवेशकों ने एचडीएफसी बैंक के शेयरों में जमकर बिकवाली की है.
स्टॉक में गिरावट की वजहों पर नजर डालें तो हाल ही में हुए एनालिस्ट्स के साथ मीटिंग में एचडीएफसी बैंक के मैनेजमेंट ने कहा कि एचडीएफसी के साथ विलय के बाद बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन में कमी की आशंका जाहिर की है. मैनेजमेंट का कहना है कि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (Net Interest Margin) पर 25 बेसिस प्वाइंट का असर पड़ सकता है. साथ ही एसेट क्वालिटी रेशियो में गिरावट आने की बात कही गई है. बैंक के मैनेजमेंट ने बताया कि विलय के बाद नई इकाई का ग्रॉस एनपीए रेशियो 1.2 फीसदी से बढ़कर 1.4 फीसदी हो गया है वहीं नेट एनपीए 0.3 फीसदी से बढ़कर 0.4 फीसदी पर जा पहुंचा है. इसी वजह से एचडीएफसी बैंक को लेकर निवेशकों का मूड बिगड़ा हुआ है जिसके चलते स्टॉक में इस कदर गिरावट देखने को मिली है.
हालांकि इस गिरावट के बावजूद ब्रोकरेज हाउस का स्टॉक को लेकर मिलाजुला रूख बना हुआ है. कुछ ब्रोकरेज हाउस ने टारगेट प्राइस को घटाकर 1800 रुपये कर दिया है तो कुछ ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि स्टॉक आने वाले दिनों में मौजूदा लेवल से 50 फीसदी का रिटर्न दे सकता है.
एचडीएफसी बैंक के शेयर ने एक साल में निवेशकों को 3 फीसदी का रिटर्न दिया है वहीं एक हफ्ते में स्टॉक में 8 फीसदी, और 2023 में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि 3 सालों में स्टॉक ने 48 फीसदी का रिटर्न निवेशकों को दिया है.
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