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GST Amnesty Scheme: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स जीएसटी से जुड़ी एक बड़ी स्कीम की आखिरी तारीख नजदीक है. जीएसटी एमनेस्टी स्कीम की बढ़ी हुई डेडलाइन का फायदा टैक्सपेयर्स को मिल सकता है जिसके जरिए वो जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न भर सकते हैं. ये योजना विलंब शुल्क में सशर्त छूट/कमी के साथ आती है जिसका फायदा वो टैक्सपेयर्स ले सकते हैं जिनको CGST एक्ट के सेक्शन 62 के तहत ऐसेसमेंट ऑर्डर मिला हुआ है.
31 अगस्त 2023 तक का ही है समय
हाल ही में इससे जुड़ा नोटिफिकेशन आया था जिसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि इस जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के लिए आखिरी तारीख को 30 जून 2023 से बढ़ाकर 31 अगस्त 2023 कर दिया गया था. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) ने इस जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के तहत जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न भरने वालों को मोहलत दी हुई है. लिहाजा ये बात ध्यान रखने वाली है कि इसके लिए केवल अब 6 दिन बाकी हैं.
जीएसटी एमनेस्टी स्कीम क्या है
वस्तुओं और सेवाओं को मुहैया कराने वाले दुकानदारों, संस्थानों को समय पर सिलसिलेवार तरीके से सभी नियमों का पालन करते हुए तय समयसीमा के भीतर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) का पेमेंट करना होता है. अगर इसकी डेडलाइन बीत जाती है तो टैक्सपेयर्स को जीएसटी फाइलिंग की डेडलाइन मिस करने की सूरत में पेनल्टी देनी पड़ती है. ऐसे परिणामों से बचने के लिए सरकार ने जीएसटी एमनेस्टी स्कीम को लॉन्च किया था जिसके अंतर्गत टैक्सपेयर्स अपने पेंडिंग जीएसटी रिटर्न को बिना भारी पेनल्टी दिए हुए भर सकते हैं.
स्कीम 1: एमनेस्टी स्कीम के तहत जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न के लिए ये लेट पेनल्टी में सशर्त छूट/कमी के साथ जीएसटीआर फाइल करने के लिए मिलती है.
स्कीम 2: उन करदाताओं की मदद के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल न करने के कारण जिन टैक्सपेयर्स की जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है. इसके तहत, टैक्सपेयर्स जीएसटी रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं जो पहले दायर नहीं किया जा सका था.
स्कीम 2: जो टैक्सपेयर्स वैल्यूएशन ऑर्डर के 30 दिनों के भीतर संबंधित रिटर्न दाखिल नहीं कर सके हों, यह माफी उन टैक्सपेयर्स के लिए उपलब्ध है. हालांकि ये उन्हीं लोगों के लिए है जिन्होंने इसे एक तयशुदा तिथि तक ब्याज और लेट पेनल्टी के साथ दाखिल किया हो. इसके अलावा यह बेनेफिट अपील दायर करने या अपील पर फैसला होने के बावजूद भी उपलब्ध होती है.
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