Gruda Purana: मृत्यु के समय क्यों पलट जाती है आंखें, गरुड़ पुराण में बताया गया है रहस्य

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Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: मृत्यु ऐसा अटल सत्य है, जिसका सामना हर व्यक्ति को करना पड़ता है. जिसका जन्म धरती पर हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए हर किसी को एक न एक दिन इस संसार सागर को छोड़कर चले जाना है.

लेकिन जिस तरह से किसी मनुष्य का धरती पर जन्म होता है, मृत्यु उससे ठीक अलग तरीके से होती है. जब बच्चे का जन्म होता है तो वह रोते हुए धरती पर आता है और मृत्यु के समय सांसे रुक जाती हैं. इसके साथ ही मृत्यु के समय शरीर में ऐसी कई असमान्य चीजें देखने को मिलती है,जिसे जानकर शायद आप आश्चर्य में पड़ जाएं. आपने देखा या सुना होगा कि, मृत्यु के समय कुछ लोगों की आंखे उलट जाती हैं.

लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है? इस रहस्य के बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है. सरल शब्दों में कहें तो यह असमान्य चीजें मृत्यु के दौरान आत्मा के शरीर से बाहर निकलने के कारण होती है. लेकिन सवाल यह है कि, मृत्यु के समय तो हर व्यक्ति के शरीर से आत्मा निकलती है, फिर सबके साथ एक जैसी घटनाएं क्यों नहीं होती. इस रहस्य का सच जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

मृत्यु के समय इसलिए उलट जाती है आंखें

हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन पक्षीराज गरुड़ को मृत्यु के समय की स्थिति के बारे में बताते हुए कहते हैं- व्यक्ति अपने जीवन या मृत्यु के दौरान जो भी शारीरिक कष्ट पाता है, वह उसके कर्मों के अनुसार उसे दिए जाते हैं. ठीक इसी तरह जो लोग शारीरिक कष्ट होते हुए भी मोह माया में बंधकर अधिक जीने की चाह रखता है. अपने परिवार से जिनका अधिक लगाव रहता है. ऐसे व्यक्तियों की आंखें अंत में कार्य करना बंद कर देती है. इन्हें सुनाई भी नहीं देता और गला बैठ जाता है. जब ये लोग मौत यानी यमदूज को अपने सामने देखते हैं तो कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन कह नहीं पाते. तब यमदूज आत्मा को बलपूर्वक शरीर से अलग करते हैं. ऐसे लोगों के शरीर से जैसे ही आत्मा बाहर निकलती है इनकी आंखें उलट जाती है.

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