EPFO Payroll Data: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) ने अगस्त, 2023 में शुद्ध रूप से 16.99 लाख सदस्य जोड़े हैं. नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों के बारे में शुक्रवार को जारी आंकड़ों (पेरोल आंकड़ा) में यह जानकारी दी गई. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आंकड़ों की सालाना आधार पर तुलना करने पर अगस्त, 2022 के मुकाबले इस साल शुद्ध रूप से सदस्यों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी दिखती है.
अगस्त, 2022 की तुलना में शुद्ध सदस्यों में मामूली बढ़ोतरी
आज जारी ईपीएफओ के प्रोविजनल पेरोल डेटा से पता चलता है कि ईपीएफओ ने अगस्त, 2023 के महीने में 16.99 लाख सदस्यों को जोड़ा है. पेरोल डेटा की साल-दर-साल तुलना पिछले साल अगस्त, 2022 की तुलना में शुद्ध सदस्यों में मामूली बढ़ोतरी को दिखाती है. डेटा से पता चलता है कि 3210 प्रतिष्ठानों ने महीने के दौरान अपना पहला ईसीआर भेजकर अपने कर्मचारियों को ईपीएफओ का सामाजिक सुरक्षा कवर बढ़ाया है.
3.43 लाख महिला सदस्य ईपीएफओ की हिस्सेदार
पेरोल डेटा के जेंडर-वार विश्लेषण से पता चलता है कि महीने के दौरान जोड़े गए कुल 9.26 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.44 लाख नई महिला सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफओ में शामिल हुई हैं. साथ ही महीने के दौरान शुद्ध महिला सदस्यों की हिस्सेदारी लगभग 3.43 लाख रही.
3210 प्रतिष्ठानों ने अपना पहला ईसीआर भरा
महीने के दौरान 3210 प्रतिष्ठानों ने अपना पहला ईसीआर (इलेक्ट्रॉनिक चलान सह रिटर्न) जमा कर कर्मचारियों को ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाया है. ईपीएफओ में शामिल होने वाले 18-25 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की हिस्सेदारी कुल नए सदस्यों का 58.36 फीसदी है. यह बताता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले ज्यादातर युवा बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं.
EPFO adds 16.99 lakh net members, around 9.26 lakh new members, during August 2023.
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— EPFO (@socialepfo) October 20, 2023
11.88 लाख सदस्य फिर से ईपीएफओ में जुड़े
नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों का आंकड़ा दर्शाता है कि लगभग 11.88 लाख सदस्य जो बाहर चले गए थे, वे फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए. इस दर में सालाना आधार पर 10.13 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. इन सदस्यों ने अपनी नौकरियां बदल लीं और ईपीएफओ के तहत आने वाले संस्थानों में फिर से शामिल हो गए. साथ ही इन्होंने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी जमा राशि को ट्रांसफर करने का विकल्प चुना.
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक शुद्ध बढ़ोतरी
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि पिछले दो महीनों में ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों में लगातार गिरावट आई है. राज्यों के मुताबिक विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक शुद्ध बढ़ोतरी हुई. इन राज्यों में संयुक्त रूप से 9.96 लाख सदस्य अगस्त में बढ़े हैं, जो कुल नए सदस्यों का 58.64 फीसदी है.
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