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Adani Ports & SEZ Update: गौतम अडानी (Gautam Adani) की पोर्ट कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के ऑडिटर डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी (Deloitte Haskins & Sells LLP) कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा देने की तैयारी में है. अगले कुछ दिनों बाद ही इस्तीफा सामने आ सकता है. कुछ ट्रांजैक्शन को लेकर कंपनी के मैनेजमेंट के साथ विवाद के बाद ऑडिटर ने इस्तीफा देने का फैसला किया है.
डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी के इस्तीफे के बाद अडानी समूह की दिग्गज कंपनी के अकाउंटिंग क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं जो पहले से ही शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenberg Research Report) के सामने आने के बाद से निशाने पर है. बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक डेलॉइट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशन इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (Adani Ports & Special Economic Zone Ltd) को अपने इस्तीफे के प्लान से अवगत करा दिया है. ये माना जा रहा है ऑडिटर के इस्तीफे की औपचारिक घोषमा अगले 3 से 4 दिनों में की जा सकती है.
डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी की गितनी दुनिया की दिग्गज अकाउंटिंग फर्मों में की जाती है. ऑडिटर के भारतीय यूनिट ने मई महीने में ही अडानी पोर्ट्स और तीन इकाई के साथ ट्रांजैक्शन को लेकर चिंता जाहिर की थी. तब ऑडिटर ने कहा था कि वो अडानी समूह के क्लेम को वेरिफाई नहीं कर सकता है साथ ही ये पता लगाना कठिन है कि स्थानीय कानूनों का पालन किया गया है या नहीं.
अडानी पोर्ट्स के ऑडिटर का फैसला ये तब आया है जब शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) को अगले ही हफ्ते हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करना है. हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर जोरतोड़ के साथ शेयरों के रेट को भगाने और उसकी कीमत को प्रभावित करने का आरोप लगाया था. हालांकि अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया था.
कंपनी के एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी की फिर से नियुक्ति 2022 में पांच वर्षों के लिए की गई थी.
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