Deepfake Technology: भारत समेत पूरी दुनिया में पिछले कुछ महीनों से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई की काफी चर्चाएं हो रही है. एआई दुनियाभर में लोगों के कई मुश्किल कामों को आसान बना रहा है, लेकिन एआई के कुछ नुकसान भी हैं, जिसका फायदा साइबर क्रिमिनल्स उठाते हैं. एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके डीपफेक टेक्नोलॉजी को डेवलप किया गया है, जिसके जरिए साइबर क्रिमिनल्स किसी भी इंसान का एक नकली रूप बना देते हैं, जो असली इंसान के नाम पर कोई भी काम, अपराध, या गुमराह कर सकता है. डीपफेक टेक्नोलॉजी के इस खतरे निपटने के लिए दुनियाभर की 20 से ज्यादा टेक कंपनी एकसाथ मिलकर काम कर रहा है.
20 कंपनियों ने मिलकर बनाया प्लान
भारत में डीपफेक काफी तेजी से अपने पैर पसारता जा रहा है और बड़े-बड़े लोकप्रिय लोग भी इसका शिकार बनते जा रहे हैं. इससे निपटने के लिए मार्क ज़ुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने मिसइंफोर्मेशन कॉम्बैट अलायंस यानी MCA के साथ मिलकर एक नई साझेदारी की है. मेटा ने जानकारी दी है कि वो भारत में डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए बनाकर फैलाई जाने वाली फर्ज़ी वीडियो और पोस्ट पर रोक लगाने के लिए एक व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा.
आपको बता दें कि डीपफेक वीडियो के खतरे से लोगों को बचाने के लिए मेटा ने Google, Microsoft और Amazon जैसी 20 बड़ी टेक कंपनियों के साथ मिलकर काम किया है और अब भारत में एक व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला किया है. इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए यूज़र्स अपने व्हाट्सऐप अकाउंट के जरिए किसी भी नकली वीडियो के बारे में आसानी से रिपोर्ट कर पाएंगे.
रश्मिका, सचिन और विराट भी बने डीपफेक का शिकार
आपको बता दें कि दुनियाभर में डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. भारत में भी एनिमेल और पुष्पा जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री रश्मिका मंधाना का भी एक फर्ज़ी वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें वो अश्लील अवस्था में दिखाई दे रही थी. उनके अलावा भारत के महान पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी एक डीपफेक वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें उनके नकली रूप को किसी एविएटर कंपनी का प्रमोशन करते हुए दिखाया गया था. सचिन के बाद हाल ही में विराट कोहली का भी एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कोहली का फर्ज़ी रूप एक बेटिंग प्लेटफॉर्म का प्रमोशन करता हुआ दिखाई दे रहा है.
इस खतरनाक टेक्नोलॉजी से बचने के लिए कई देशों की सरकार और दुनियाभर की टेक कंपनियों ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. इसी एक्शन के तहत अब एक नया व्हाट्सऐप नंबर जारी किया जाने वाला है, जिसमें यूजर्स नकली वीडियो के बार में रिपोर्ट करेंगे. एमसीए के मुताबिक वो ऐसे वीडियो पर रोक लगाने के लिए एक डीपफेक एनालिसिस यूनिट तैयार करेंगे, जो फैक्ट चेकिंग मेंबर्स के साथ मिलकर काम करेंगे. वो रिपोर्ट किए गए हरेक मैसेज और कॉन्टेंट को देख पाएंगे.
अगर रिपोर्ट किए गए किसी भी वीडियो में एआई जेनरेटेड कॉन्टेंट या अफवाह फैलाने वाला मैसेज पाया जाएगा तो उन्हें तुरंत इंटरनेट से हटा दिया जाएगा. इस तरह के फर्ज़ी मैसेज को भी इंटरनेट से डिलीट कर दिया जाएगा. व्हाट्सऐप का हेल्पलाइन नंबर एक चैटबॉट के रूप में काम करेगा, जो हिंदी, इंग्लिश के साथ-साथ भारत के कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करेगा.