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Interim Budget 2024: आने वाली एक फरवरी 2024 को देश का बजट पेश किया जाएगा और ये आम चुनाव 2024 से पहले केंद्र की मोदी सरकार का आखिरी बजट है. इस बजट को वैसे तो अंतरिम बजट के रूप में केवल कुछ महीनों के लिए लाया जा रहा है लेकिन आम जनता, कॉरपोरेट, सेक्टर के जानकार, इंडस्ट्री, गरीब, किसान, गृहिणी, स्टूडेंट्स, मध्यम वर्ग सभी की इस बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं.
सेक्शन 80सी के लिए सालों से मांग की जा रही है कि इसके तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाया जाए. क्या इस बार इस मांग को पूरा किया जाएगा? जानते हैं इस बारे में वित्तीय जगत के जानकारों का क्या कहना है-
सैटर्न कंसल्टिंग ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर निशांत खेमानी का कहना है कि मौजूदा कानून प्रावधानों में विसंगतियों को दूर करने के लिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्सेशन के विषय में कुछ सुधारों पर चर्चा होनी चाहिए और इस बजट में अपेक्षित बदलाव लाए जाने चाहिए. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
डायरेक्ट टैक्स
मौजूदा चले रहे डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में कॉरपोरेट टैक्स रेट पर जो 15 फीसदी कंसेशन मिलता है वो केवल नई घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए हैं जो 31 मार्च 2024 तक अपने ऑपरेशंस को पूरा कर लेंगी. इसे खासकर देश की सभी कंपनियों के लिए लागू किया जाना चाहिए और उन्हें भी कंसेशनल रेट के आधार पर कॉरपोरेट टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए. आने वाले टैक्स पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन को सनसेट क्लॉज की अवधि को आगे के लिए बढ़ाना चाहिए.
सेक्शन 80सी/80डी के तहत मिलने वाले डिडक्शन की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
1.50 लाख रुपये की जो डिडक्शन लिमिट सेक्शन 80सी के तहत मिलती है और सेक्शन 80डी के तहत 25,000/50000 रुपये की टैक्स छूट मिलती है वो बढ़ाई जानी चाहिए. खासकर इसलिए भी क्योंकि सभी ऐसेसी इस डिडक्शन लिमिट का फायदा उठाते हैं.
न्यू टैक्स रिजीम में आएगी 80सी जैसी छूट?
न्यू टैक्स रिजीम के तहत ज्यादा टैक्स कटौतियां और छूट की उम्मीदें हैं जैसे 80C और 80D जैसे सेक्शन और होम लोन के ऊपर टैक्स छूट जैसे फायदे मिलने की उम्मीद बन रही है.
एडवांस टैक्स लेट सबमिशन इंस्टॉलमेंट पर होगा फैसला
मौजूदा समय में एडवांस टैक्स इंस्टॉलमेंट की तय तारीख छूट जाने पर 3 महीने का ब्याज लगता है और इसमें बदलाव होना चाहिए. टीडीएस के मामले में उतने ही महीने के ब्याज की पेनल्टी लगनी चाहिए जितने महीने एडवांस पेमेंट चुकाने में देरी हुई हो.
सीआईटी के सामने पेंडिंग पड़े मामलों के निपटारे के लिए फिलहाल कोई संबंधित टाइमलाइन नहीं हैं और लिटीगेशन प्रोसेस को तेजी से पूरा करने के लिए टाइमलाइन को लाया जाना चाहिए.
HRA दरों को लेकर हो सकते हैं बदलाव!
चूंकि बंग्लुरू को मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में पहचाना गया है तो यहां के एंप्लाइज को भी एचआरए में 5 फीसदी का डिडक्शन मिलना चाहिए जैसे कि अन्य मेट्रोपॉलिटन शहरों में मिलता है.
मौजूदा कैपिटल गेन टैक्सेशन में बहुत सी विसंगतियां मौजूद हैं जैसे एसटीटी पेमेंट इक्विटी शेयर और गैर-एसटीटी पेमेंट इक्विटी शेयर के टैक्सेशन रेट में अंतर है. कैपिटल गेन टैक्सेशन को सुव्यवस्थित करना समय की मांग है.
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