Brand India: ‘वेड इन इंडिया’ के बाद अब ‘ब्रांड इंडिया’, जानिए क्या होगा इससे फायदा 

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Brand India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान देश के संपन्न वर्ग से अपील की कि वो विदेशों में जाकर डेस्टिनेशन वेडिंग के बजाय यहीं भारत में अपनी शादियां करें. पीएम मोदी की इस अपील का चौतरफा स्वागत हुआ और उद्योग जगत ने भी इस पर खुशी जताई है. इसे ‘वेड इन इंडिया’ का नारा दिया गया. अब कई सेक्टर से ऐसी ही अपील की जाने लगी है ताकि पीएम मोदी के करिश्मे का असर उस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों पर भी दिखाई दे. एक ऐसी ही मांग टूर एंड ट्रेवल्स सेक्टर से भी आई है. 

अब ‘ब्रांड इंडिया’ भी शुरू करें पीएम मोदी 

इंडियन असोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) ने पीएम मोदी को पत्र लिख टूरिज्म सेक्टर के लिए ब्रांड इंडिया शुरू करने की अपील की है. इसमें उन्होंने कहा कि विदेशों में घूमने जाने वालों की तादाद बहुत तेजी से बढ़ी है. मगर, विदेशों से भारत आ रहे पर्यटकों की संख्या में कुछ खास तेजी नहीं देखी जा रही. यह टूर ऑपरेटरों और ट्रेवल एजेंटों के लिए एक चुनौती बना हुआ है. घरेलू पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के पीएम को कुछ विशेष योजना लानी चाहिए. साथ ही विदेशों में भारतीय पर्यटन की मार्केटिंग और विज्ञापन किया जाना चाहिए.

2022 में सिर्फ 85.9 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए

हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया था कि 2022 में सिर्फ 85.9 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए. यह आंकड़ा 2019 में 3.14 करोड़ था. इससे आप समझ सकते हैं कि फिलहाल टूरिज्म सेक्टर की क्या स्थिति है. इसलिए पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराना जरूरी था. भारत अपनी मार्केटिंग विदेशी बाजारों में सही से नहीं कर रहा, जो कि चिंताजनक स्थिति है. 

मार्केटिंग और विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा रहा

आईएटीओ के मुताबिक, भारतीय दूतावासों में पर्यटन सेक्टर के प्रशिक्षित लोग नहीं हैं. साथ ही विदेशी टूर ऑपरेटरों के लिए भी इंसेंटिव की व्यवस्था नहीं की जा रही. हमें एक साल पहले से टूरिस्ट बढ़ाने की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. फिलहाल देश को तत्काल एक नेशनल टूरिज्म बोर्ड बनाना चाहिए, जिसकी मदद से मंत्रालय से मार्केटिंग और विज्ञापन के लिए विशेष बजट हासिल किया जा सके. साथ ही हमें अन्य देशों से सबक लेकर वीजा की उदार नीति लानी होगी. भारत में एयर टिकट भी काफी महंगे हैं. अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमरीकी देशों में जाने की मांग काफी ज्यादा है. मगर, टूरिस्ट को अपनी ओर खींचने में नाकाम रहे हैं.

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