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<p style="text-align: justify;">कैंसर के मरीजों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एम्स ने एक स्मार्ट फोन ऐप – UPPCHAR लॉन्च किया है. यह एक एआई बेस्ड हेल्थ केयर एप है. इस खास एप को ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (एम्स) द्वारा बनाया गया है. इसके जरिए कैंसर के मरीज के हेल्थ का खास ध्यान रखा जाएगा. यह दवा के अनुपालन को प्रभावी ढंग से बढ़ाने में अच्छे परिणाम दिखाए हैं. आईसीएमआर के सहयोग से एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह संकेत दिया गया है, जिसमें तृतीयक देखभाल में उपशामक देखभाल प्राप्त करने वाले उन्नत कैंसर रोगियों के बीच चिकित्सा पालन और ज्ञान पर बुकलेट-आधारित शिक्षा के साथ-साथ पारंपरिक नुस्खे के साथ ऐप की प्रभावशीलता की तुलना की गई है. कैंसर के मरीज के इलाज के लिए अब AI का इस्तेमाल किया जाएगा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>AI के हिसाब से रखा जाएगा डेटा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">AI डॉक्टर्स के लिए एक वरदान की तरह साबित हुआ है. आइए जानें यह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस इलाज में किस तरह से मदद कर सकता है? आइए जानें कैंसर थेरेपी इलाज के लिए बेस्ट है. यह AI कैंसर को ट्रीट करने में डॉक्टर्स की जगह नहीं लेगा, मगर उनकी मदद कर कैंसर के पेशेंट को ट्रीट करने में मदद करेगा. AI कई सारे हेल्थ रिकॉर्ड अपने पास रखता है जैसे- पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी और क्लिनिकल डिटेल्स. जिसके बाद पेशेंट का जीनोमिक सिस्टम पर अपलोड किया जाता है. ऐसे पेशेंट का डेटा रखा जाता है. यह कैंसर की हिस्ट्री देखने के साथ-साथ ट्रीटमेंट का रिजल्ट भी दिखाता है. जितना डेटा AI के पास जमा है वह उतना ही अच्छा रिजल्ट देगा. </p>
<p style="text-align: justify;">AI के जरिए कैंसर का ट्रीटमेंट किया जाता है. AI से आप कैंसर के फर्स्ट स्टेज का पता लगा सकते है. भारत मे हर साल कैंसर से 8 लाख लोगो की मौते होती है. कैंसर से होने वाली मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि कैसर का देर से पता चलता है. देर से कैंसर का पता चलने के 80 प्रतिशत मामले मे 20 प्रतिशत लोगो की ही जान बच पाती है. </p>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></div>
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