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<p style="text-align: justify;">दिल्ली की हवा दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है. Air Quality Index (AQI) दिल्ली की 302 हो गई है. दिल्ली की हवा टॉक्सिक होने की वजह गाड़ी से निकलने वाली धुएं से संबंधित है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह दिन पर दिन और जहरीली ही होती जा रही है. जिसकी वजह से कई तरह की सांस की बीमारी लोगों को अपना शिकार बना रही है. हाल ही में किए गए एक रिसर्च में यह बात साफ हुई है कि वायू प्रदूषण और कई तरह की बीमारी का खतरा बढ़ा रही है. इसलिए जल्द से जल्दी कई ऐसे सरकार को उपाय करने होंगे ताकि वातावरण ठीक हो सके वरना समय से पहले मौत का जोखिम भी बढ़ सकता है. </p>
<p>गाड़ी और फैक्टरी से निकलने वाली जहरीली हवा के कारण ही दिन पर दिन दिल्ली की हवा इतनी ज्यादा खराब होती है जा रही है. साथ ही यह जहरीली हवा कई तरह की बीमारियों का कारण भी है. जोकि इंसान के सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए उन्ही बीमारियों के बारे में बात करेंगे. </p>
<p><strong>सांस की बीमारी</strong></p>
<p>वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा हमारी सांस लेने के फंक्शन को प्रभावित करती है. और इसकी वजह से कई तरह की सांस से संबंधित बीमारियां हमारे शरीर में पनप जाती है. जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) शामिल हैं. जहरीली हवा में सूक्ष्म कण और जहरीले केमिकल हमारी सांस की नली को परेशान कर सकते हैं और पहले से मौजूद बीमारियों को ट्रिगर कर सकते हैं. जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और समय के साथ फेफड़ों के फंक्शन में भी गड़बड़ी आने लगती है. </p>
<p><strong>दिल की बीमारी</strong></p>
<p>वायु प्रदूषण हाई बीपी, दिल के दौरे और स्ट्रोक के साथ-साथ दिल से जुड़ी कई बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है. जो व्यक्ति काफी ज्यादा बाहर रहते हैं उन्हें सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है.</p>
<p><strong>कैंसर</strong></p>
<p>वायू प्रदूषण में कार्सिनोजेन काफी ज्यादा मात्रा में होता है. जिससे लंग्स कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे लोग जो काफी देर तक बाहर रहते हैं फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है. प्रदूषित हवा में पाए जाने वाले बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड जैसे पदार्थ कार्सिनोजेन माने जाते हैं.</p>
<p><strong>न्यूरोन संबंधी बीमारी</strong></p>
<p>प्रदूषण में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण न्यूरोन संबंधी बीमारी का कारण बनता है., जिससे अल्जाइमर रोग और दूसरी बीमारी का खतरा बढ़ाता है. </p>
<p><strong>जन्म के समय कम वजन और समय से पहले जन्म</strong></p>
<p>वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाली गर्भवती महिलाओं को कम वजन वाले शिशुओं को जन्म देने और समय से पहले जन्म का खतरा हो सकता है. भ्रूण के विकास पर वायु प्रदूषण का प्रभाव सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बढ़ती चिंता का विषय है.</p>
<p><strong>एलर्जी और त्वचा की स्थिति</strong></p>
<p>वायुजनित प्रदूषक एलर्जी और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी स्थितियों को बढ़ा सकते हैं. हवा में मौजूद सूक्ष्म कण और प्रदूषक तत्व त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं और एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं.</p>
<p><strong><em>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</em></strong></p>
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