Mutual Funds Investment: पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड समेत स्टॉक में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. खासकर म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या ज्यादा बढ़ी है. म्यूचुअल फंड में आप एसआईपी और एकमुश्त निवेश दोनों तरीके से कर सकते हैं.
अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो यहां 10 बातों पर गौर कर लेना चाहिए. इन बातों का ध्यान में रखकर पैसा लगाएंगे तो आपकी इनकम बढ़ जाएगी और म्यूचुअल फंड में ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं.
कितना होना चाहिए निवेश का लक्ष्य
म्यूचुअल फंड में आप शॉर्ट, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म में निवेश की योजना बनाई जा सकती है. इसमें से किसी एक का चयन करना होगा. आप अपने पैसों की जरूरत के हिसाब से इसे चुन सकते हैं.
फंड और कैटेगरी
कई तरह के म्यूचुअल फंड और कैटेगरी जैसे इक्विटी फंड, डेट फंड, हाइब्रिड फंड और सब्जेक्टिव फंड होते हैं. इन्हीं सभी में से किसी एक कैटेगरी के फंड को चुने, जो आपके जरूरत के हिसाब से हो.
फंड का परफॉर्मेंश
म्यूचुअल फंड के परफॉर्मेंश पर भी नजर डालना जरूरी है. आपको 1 वर्ष, 3 वर्ष, 5 वर्ष में रिटर्न और स्थिरता के हिसाब से सलेक्शन करना चाहिए. इसके अलावा फंड हाउस की वंशावली और उम्र की भी जांच करनी चाहिए.
खर्चे की दर
म्यूचुअल फंड एक व्यय अनुपात लेते हैं, जो संपत्ति के प्रतिशत के रूप में फंड के प्रबंधन की वार्षिक लागत है. कम व्यय अनुपात आम तौर पर निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल होते हैं, क्योंकि उनका रिटर्न अधिक होता है. सही विकल्प चुनने के लिए समान फंडों के व्यय अनुपात की तुलना करें.
जोखिम का भी आकलन करें
फंड के जोखिम के बारे में रिसर्च करना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि एक गलत फंड में निवेश आपकी रकम डूबा सकती है. ऐसे में फंड के क्रेडिट रिस्क, ब्याज दर रिस्क और मार्केट रिक्स जैसी चीजों पर ध्यान देना जरूरी है.
विड्रॉल अमाउंट
ऐसे फंड का चयन करना आवश्यक है, जिसमें कभी भी निकला जा सकता है. ताकि नुकसान की आशंका होने पर आप प्रॉफिट बुक कर सकें.
टैक्स कैलकुलेशन जानें
जिस फंड में आपने निवेश किया है, उसके टैक्स के बारे में जानना आवश्यक है. आपके फंड निवेश पर कितना टैक्स लगेगा, यह भी कैलकुलेट कर लेना बेहद जरूरी है.
दस्तावेजों को समझें
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले आपको म्यूचुअल फंड के डाक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ना चाहिए. ताकि आगे चलकर आपको किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े.
नियमित निगरानी
निवेशकों को अपने फंड की नियमित तौर पर निगरानी करनी चाहिए. ताकि ये जाना जा सके कि उनका फंड कैसा परफॉर्म कर रहा है.
ये भी पढ़ें