जब बढ़ जाती हैं आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां, बहुत काम आते हैं ये अपॉर्च्युनिटीज फंड

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<p>अभी भारत और कनाडा के बीच तनातनी सुर्खियों में है. इससे पहले चीन और ताईवान का तनाव सामने आया था. यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. ये मुद्दे आर्थिक मोर्चे पर भी चुनौतियां पैदा करते हैं. इसके अलावा भी कई फैक्टर हैं, जो भले ही अस्थाई हों, लेकिन बाजार पर उनका असर होता है. मतलब ये सारे फैक्टर बाजार पर असर डालते हैं, जिससे निवेशकों का रिटर्न प्रभावित होता है. ऐसी स्थितियों में अपॉर्च्युनिटीज फंड बड़े काम के साबित होते हैं.</p>
<h3>इन चुनौतियों को अच्छे से किया पार</h3>
<p>अपॉर्च्युनिटीज फंड ने हाल-फिलहाल में कोरोना महामारी, लॉकडाउन, उच्च महंगाई, ब्याज दर में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन संघर्ष, कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और एनबीएफसी संकट जैसे फैक्टर्स को सफलता के साथ पार किया है. ऐसे फंड ने पिछले 3-4 सालों में और सभी इक्विटी श्रेणियों में सबसे बेहतर रिटर्न भी दिया है.</p>
<h3>अपॉर्च्युनिटीज फंड के 2 उदाहरण</h3>
<p>उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड में अगर किसी ने इसकी स्थापना के समय यानी जनवरी, 2019 में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो यह रकम अब 2.38 लाख रुपये हो जाती. मतलब इस फंड ने 20.7 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न दिया है. इसी तरह कोटक इक्विटी अपॉर्च्युनिटीज फंड ने करीब 16 फीसदी का सीएजीआर दिया है. दूसरी ओर बेंचमार्क निफ्टी 50 ने इस अवधि में 15.5 पर्सेंट का रिटर्न दिया है.</p>
<h3>ऐसे काम करते हैं अपॉर्च्युनिटीज फंड</h3>
<p>अपॉर्च्युनिटीज फंड उन कंपनियों को खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में सफलतापूर्वक विविधता लाता है, जो अस्थायी चुनौतियों के कारण गिरावट के दौर में हैं या गिरावट के करीब हैं. इस रणनीति से निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है, क्योंकि मजबूत कंपनियां अक्सर विशेष परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कीमतों में तेज वृद्धि होती है.</p>
<h3>ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प</h3>
<p>यह भी ध्यान देने योग्य है कि बाजार की अस्थिरता के बावजूद ये फंड बढ़ते और सुधरते बाजारों के दौरान अपने बेंचमार्क की तुलना में एक फंड के प्रदर्शन को दिखाते हैं. अपॉर्च्युनिटीज फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं, जो लंबे समय में बेहतर रिटर्न पाने के लिए ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं. वित्तीय सलाहकार या म्यूचुअल फंड वितरक से बात करने के बाद निवेशक फंड को अपने सैटेलाइट पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में मान सकते हैं.</p>
<h3>इस तरह से हो चुका है फायदा</h3>
<p>अपॉर्च्युनिटीज फंड विशिष्ट परिस्थितियों में निवेश करते हैं. मार्च 2020 के बाजार में मंदी के बाद इस फंड ने पावर, टेलीकॉम और मेटल कंपनियों के शेयरों में खरीदारी की, जबकि वे सभी अनुकूल स्थिति से बाहर थीं. इस तरह फंड ने तब अच्छा मुनाफा कमाया. इसी तरह, 2021 में बैंकों की बैलेंसशीट में मजबूती शुरू होने से पहले, फंड का इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश था.</p>
<p><strong>डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.</strong></p>
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