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Dharavi Redevelopment Project: महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट में धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर कहा है कि उसने अडानी ग्रुप को कोई अनुचित लाभ नहीं दिया है. मुंबई में धारावी स्लम एरिया को रिडेवलपमेंट पोजेक्ट के लिए 2022 में नया टेंडर जारी किया गया था, जिसमें अडानी ग्रुप ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी. इस कारण इसे रिडेवलप करने का प्रोजेक्ट जारी किया गया.
महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेश की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल किया था. यूएई की कंपनी ने अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को परियोजना का ठेका देने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.
क्या था पूरा मामला
साल 2019 में सेकलिंक ने 87.1 करोड़ डॉलर की बोली सबसे ज्यादा बोली लगाई थी. वहीं अडानी ग्रुप ने 54.8 करोड़ डॉलर की बोली पेश की थी. इसके बाद सेकलिंक ने महाराष्ट्र सरकार पर गलत तरीके से टेंडर जारी करने का आरोप लगाया था और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. साल 2022 में फिर से टेंडर जारी किया गया. इसमें सेकलिंक शामिल नहीं था. डीएलएफ और अडानी ग्रुप की ओर से बोली लगाई गई थी. अडानी ने 61.4 करोड़ डॉलर की बोली पेश की. साल 2023 में अडानी ग्रुप को राज्य सरकार की ओर से इसे रिडेवलप करने का काम दे दिया गया. कोर्ट में दायर याचिका पर राज्य सरकार की टिप्पणी आई है.
कोर्ट में राज्य सरकार ने क्या कहा
महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार के राजनीति से प्रेरित होने निराधार आरोप लगाये हैं. इस याचिका को लागत के साथ खारिज किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ इस याचिका गुरुवार को सुनवाई करेगी.
अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं निकाला गया टेंडर
राज्य के आवास विभाग के उप-सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता कंपनी ने पुरानी निविदा को रद्द करने के बारे में ‘झूठे और निराधार’ आरोप लगाए हैं. हम इन आरोपों को खारिज करते हैं. उप सचिव ने कहा कि मैं इन आरोपों से इनकार करता हूं कि नया टेंडर अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए निकाली गई थी.
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