हो जाइए तैयार, फ्रेशर्स के लिए खुलेंगे आईटी कंपनियों के गेट, ठप पड़ा कैंपस प्लेसमेंट होगा गुलजार


Hiring in IT Companies: भारत समेत पूरी दुनिया में आईटी सेक्टर के लिए एक साल से भी ज्यादा समय से सिर्फ बुरी खबरें ही सामने आ रही हैं. लगातार जारी छंटनी के बाद आईटी कंपनियों ने आर्थिक सुस्ती के चलते फ्रेशर्स की हायरिंग पर भी रोक लगा दी थी. अब नौकरी की तलाश में बैठे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है. इंडियन आईटी कंपनियां अब सुधार के रास्ते पर हैं. ये न सिर्फ फ्रेशर्स के लिए कैंपस हायरिंग शुरू करने वाली हैं बल्कि सैलरी भी बेहतर देने को तैयार हैं. हालांकि, उसके लिए आपको अपनी स्किल पर काम करना पड़ेगा. आईटी कंपनियां इस समय क्लाउड, डेटा और एआई जैसे रोल के लिए लोगों को चुनना चाहती हैं. 

आईटी कंपनियों ने कैंपस में विजिट करना किया शुरू 

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, आईबीएम (IBM), इंफोसिस (Infosys), टीसीएस (TCS) और एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree) जैसी कई आईटी कंपनियों ने कैंपस में विजिट करना भी शुरू कर दिया है. हालांकि, इस बार सिलेक्शन प्रोसेस काफी अलग रहने वाला है. अभी तक ढेर सारी नौकरियां देने वाले कंपनियां अब सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही चुनेंगी. उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing), डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की जानकारी रखने वालों की जरूरत है. ऐसे रोल के लिए सैलरी पैकेज भी 6 से 9 लाख रुपये रहने वाला है. 

फ्रेशर्स के अलावा ऑफ कैंपस ज्वॉइनिंग भी बढ़ेंगी 

देश में कैंपस प्लेसमेंट की शुरुआत जुलाई से होगी. इसके अलावा ऑफ कैंपस ज्वॉइनिंग भी कराई जाएंगी. इसके जरिए टीसीएस करीब 40 हजार, इंफोसिस 20 हजार और विप्रो (Wipro) 10 हजार फ्रेशर्स को अपने साथ जोड़ने का प्लान बना चुकी हैं. विप्रो के एचआर हेड सौरभ गोविल ने बताया कि हम एक साल के ब्रेक के बाद फिर से कैंपस हायरिंग शुरू करने वाले हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार कट ऑफ 60 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी हो सकता है. 

स्किल के साथ सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी कड़ी नजर 

इस कैंपस हायरिंग के आपकी शिक्षा, स्किल, सर्टिफिकेट के साथ-साथ सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी कंपनियों की कड़ी नजर रहने वाली है. ऐसा करके कंपनियां आपका पूरा बैकग्राउंड समझना चाहती हैं. ऐसे में आने वाले कुछ महीने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट के लिए बड़ा मौका हैं. इस दौरान वह खुद की कमियां तलाश कर कंपनियों की डिमांड के हिसाब अपने आप को तैयार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें 

अब हमें अपना उपनिवेश बना रहे इंडियन, भारतीय फैमिली के घर खरीदने पर अंग्रेज को लगी मिर्ची



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *