5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश निभाएगा बड़ा रोल, राम मंदिर से बनेगा ‘आस्था का अर्थशास्त्र’

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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को हुआ और 23 जनवरी यानी मंगलवार से अयोध्या का राम मंदिर आम जनता के लिए खुल गया है. राम भक्तों की संख्या ने उस वक्त सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए जब मंगलवार दोपहर तक ही 3 लाख लोग दर्शन कर चुके थे और रात तक 5 लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन कर चुके हैं. ये आंकड़ा इस बात पर मुहर लगा रहा है कि रामलला सिर्फ भव्य दरबार में विराजमान नहीं हुए हैं बल्कि अयोध्या शहर के कई कोस तक की तस्वीर राम मंदिर के जरिए बदल चुकी है. कई कंपनियां बिजनेस शुरू करने जा रही हैं और कई कारोबार यहां शानदार रूप से फल-फूल रहे हैं.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से मिला यूपी के लिए शानदार अनुमान

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अयोध्या पर जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या विश्व के एक बड़े तीर्थ स्थल के रूप में उभर चुका है. प्राण प्रतिष्ठा से सिर्फ एक दिन पहले यानि 21 जनवरी को जारी हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर और इसके साथ राज्य की पर्यटन योजना के चलते मोटी कमाई होगी. प्रधानमंत्री मोदी भारत को साल 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की बात कर चुके हैं. एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमान है कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा रोल निभाने जा रहा है और इसमें भी अयोध्या नगरी बड़ी भागीदार बनेगी.

जानिए रिपोर्ट के खास पॉइंट्स

यूपी सरकार को वित्त वर्ष 2025 में 20 से 25 हजार करोड़ की अतिरिक्त कमाई हो सकती है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है 2022 की तुलना में 2024 में यूपी में पर्यटकों द्वारा किया जा रहा खर्च करीब दोगुना हो सकता है.
घरेलू और विदेशी पर्यटकों का यूपी में खर्च 4 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है.
अमिताभ बच्चन जैसे बड़े बड़े बॉलीवुड स्टार अयोध्या में जमीन खरीद रहे हैं और कई लोग आसपास जमीनें, मकान, दुकानें खरीदेंगे.

देश-विदेश से मेहमान आएंगे-अपने साथ रोजगार लाएंगे

राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले ही पर्यटन उद्योग ने 20,000 नौकरियों के मौके पैदा कर लिए हैं. नेपाल, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड समेत कई देशों ने अयोध्या में गेस्ट हाउस खोलने में दिलचस्पी दिखाई है. EaseMyTrip ने पहले ही अनुमान जता दिया था कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज करीब 3 से 5 लाख मेहमान आएंगे. साफ बात है कि जब मेहमान आएंगे तो अपने साथ रोजगार के मौके भी लाएंगे.

किस तरह अयोध्या के राम मंदिर से बनेगा ‘आस्था का अर्थशास्त्र’

इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि जब रोजाना लाखों श्रद्धालु आंगे तो मंदिर के लिए प्रसाद खरीदेंगे. देश के कोने-कोने से आएंगे तो होटल में रुकेंगे और रेस्टोरेंट में खाना खाएंगे. अयोध्या में खरीदारी करेंगे और मंदिर तक आने के लिए टैक्सी करेंगे. इन सबका अर्थ ये है कि ट्रेन के टिकट से लेकर फूल बेचने वाले तक, बड़े-बड़े होटल से लेकर धूप अगरबत्ती और मिठाई के दुकानदारों तक को अयोध्या में फायदा होगा. ये भारी कमाई कर पाएंगे और राज्य की इकोनॉमी को बड़ा भारी बूस्ट मिलेगा.

5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में यूपी होगा सिरमौर

रामलला के द्वार जब आम लोगों के लिए खुल चुके हैं तो अयोध्या नगरी भीड़ से लबालब हो चुकी है. एक बार जब अयोध्या प्रशासन क्राउड मैनेजमेंट करना सीख जाएगा तो आस्था की यही भीड़ सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत बड़ा रोल निभाएगी. उत्तर प्रदेश इस समय देश की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था वाला राज्यों में से एक है और भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लक्ष्य को पूरा करने में ये प्रदेश काफी बड़ा भागीदार बनकर उभरेगा.

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