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Shiv Puran Lord Shiva Niti in Hindi: शिव पुराण को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है, इसलिए यह सभी पुराणों में अधिक महत्व रखता है. शिव पुराण में भगवान शिव के अवतारों, रूपों और ज्योतिर्लिगों के बारे में चर्चा की गई है.
हिंदू धर्म में वैसे तो18 पुराण हैं, लेकिन शिव पुराण सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है. कहा जाता है कि, शिव पुराण को सुनने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और इससे शिवलोक में स्थान मिलता है. शिव पुराण के दूसरे अध्याय में इस संदर्भ में कथा है, जोकि देवराज से जुड़ी है. आइये जानते हैं इस कथा के बारे में-
शिव पुराण सुनने मात्र से देवराज को मिला शिवलोक
प्राचीन काल में एक नगर में देवराज नाम का एक ब्राह्मण रहता था. वह बहुत ही दुर्बल, दरिद्र, और वैदिक धर्म से विमुख था. वह किसी प्रकार का कोई धार्मिक कार्य भी नहीं करता और हमेशा धन अर्जित करने में ही लगा रहता था. वह सभी के साथ छल करता था और धोखा देता था. उसने कमाए हुए धन को कभी भी धर्म के काम में नही लगाया.
एक दिन वह घूमते हुए प्रयाग पहुंच गया और वहां उसने बहुत सारे साधु महात्माओं को देखा जो शिवालय में ठहरे हुए थे. वह भी शिवालय में ही ठहरा. लेकिन उसे बुखार आ गया. बुखार से उसका शरीर गर्म होने लगा और वह पीड़ा से तड़पने लगा. शिवालय में ही एक ब्राह्मण शिव कथा सुना रहे थे. बुखार से तपते हुए देवराज भी ब्राह्मण के मुख से शिव कथा सुन रहा था. लेकिन एक महीने के बाद बुखार के कारण उसका शरीर इतना पीड़ित हो गया कि, उसकी मृत्यु हो गई.
मृत्यु के बाद जब यमराज के यमदूत उसे पाश में बांधकर बलपूर्वक यमलोक ले गए. तब शिवलोक से शिव के पार्षद गण भी पहुंच गए. उनके हाथ में त्रिशूल था और शरीर में भस्म लगी थी. उन्होंने बड़ी-बड़ी रुद्राक्ष की मालाएं पहन रखी थीं. शिव के पाषर्द गण क्रोध में यमपुरी में गए और यमराज के दूतों को मार पीटकर धमकाया और देवराज को उनके चंगुल से छुड़ाकर यमपुरी से कैलाश पर्वत ले गए.
कैलाश पहुंचकर पार्षद गणों ने देवराज को भगवान शिव को सौंप दिया. इस तरह से शिव पुराण सुनने मात्र से अधर्मी देवराज को भी शिवलोक की प्राप्ति हुई. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि, जो व्यक्ति शिव पुराण या शिव कथा का श्रवण करता है, उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है.
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