6 दिसंबर 1980 का दिन जब भारतीय टीम ने दुनिया को चौंकाया, भारत-ऑस्ट्रेलिया के पहले वनडे की कहानी

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IND vs AUS 1st ODI Story: 6 दिसंबर 1980.. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड… और भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वनडे मुकाबला. ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी और कप्तान रहे ग्रेग चैपल टॉस जीतते हैं और भारतीय लीजेंड सुनील गावस्कर को बल्ला थमा देते हैं. कप्तान गावस्कर बल्ला लिए ओपनिंग के लिए चल देते हैं. स्कोर बोर्ड पर 12 ही रन होते हैं कि गावस्कर (4) को पवेलियन लौटना पड़ता है. थोड़ी ही देर में दूसरे सलामी बल्लेबाज तिरुमलाई श्रीनिवासन (6) भी विकेट दे बैठते हैं. यह दोनों विकेट ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज डेनिस लिली के नाम जाते हैं. इस ऐतिहासिक मैच की शुरुआत में ही भारतीय टीम दबाव में आ जाती है.

यह मुकाबला ‘बेंसन एंड हेजस वर्ल्ड सीरीज’ का था और इस सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ ही न्यूजीलैंड भी थी. यह पहली बार था जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में वनडे मैच खेलने पहुंची थी. जिस तरह से कयास लग रहे थे कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम वनडे में फुस्स हो जाएगी, शुरुआत कुछ ऐसी ही हुई. लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे मैच पलटने लगा.

संदीप पाटिल और सैयद किरमानी की धाकड़ बल्लेबाजी
दिलीप वेंगसरकर (22) और गुडप्पा विश्वनाथ (22) ने छोटी-छोटी पारियों से भारतीय टीम को थोड़ा सहारा दिया. इसके बाद संदीप पाटिल की 70 गेंद पर 64 रन और विकेटकीपर सैयद किरमानी की 52 गेंद पर 48 रन की ताबड़तोड़ पारियों ने भारत को 200 का आंकड़ा पार करा दिया. 49 ओवर के इस मुकाबले में भारतीय टीम ने 9 विकेट खोकर 208 रन पर अपनी पारी समाप्त की. उस दौर में वनडे क्रिकेट में 200+ का स्कोर चुनौतीभरा होता था.

ऑस्ट्रलिया की दमदार शुरुआत
अब बारी भारतीय गेंदबाजों की थी लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने शुरुआत में भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया. कंगारुओं की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 60 रन जोड़ डाले. ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने इस पहले मुकाबले में बुरी तरह हारेगी. लेकिन यहीं पर संदीप पाटिल ने फिर भारत की उम्मीदों को जगा दिया. उन्होंने किम ह्यूजेस (35) को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका दे डाला. यहां से ऑस्ट्रेलिया की टीम इस बिखरी कि संभल ही नहीं पाई.

ताश के पत्तों की तरह बिखर गए कंगारू
ऑस्ट्रेलिया के स्कोर में दो रन जुड़े ही थे कि जॉन डेसन (23) रन आउट हो गए. इसके 11 रन बाद कप्तान ग्रेग चैपल (11) दिलीप दोशी का शिकार बन गए. एलन बोर्डर (6) को भी दोशी ने जल्द पवेलियन भेज दिया. 80 रन पर कंगारू टीम चार विकेट गंवा चुकी थी. यहां से ऑस्ट्रेलिया की टीम वापसी नहीं कर पाई और नियमित अंतराल में विकेट खोते हुए 142 रन पर ढेर हो गई. दिलीप दोषी ने तीन और रोजर बिन्नी ने दो विकेट लिए. संदीप पाटिल अपने हरफनमौला प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ दी मैच’ चुने गए. इस तरह भारत-ऑस्ट्रेलिया के वनडे इतिहास का पहला मुकाबला भारतीय टीम ने 66 रन से अपने नाम किया. 

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