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SBI Shares: लोग अक्सर खजानों की बात करते हैं. सोचिए अगर आपके हाथ भी कोई ऐसा ही खजाना लग जाए तो लाइफ मजेदार हो जाएगी. कुछ ऐसा ही खजाना चंडीगढ़ के एक डॉक्टर तन्मय मोतीवाला के हाथ में लगा है. दरअसल उनके दादा ने साल 1994 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के 500 रुपये के शेयर खरीदे और वो इन्हें भूल गए. अब इसके दस्तावेज मिले हैं. इसके बाद डॉक्टर ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी, जो वायरल हो गई. सभी लोग आज उन शेयर की वैल्यू जानने को उत्सुक हो गए.
The power of holding equity 😊
My Grand parents had purchased SBI shares worth 500 Rs in 1994.
They had forgotten about it. Infact they had no idea why they purchased it and if they even hold it.I found some such certificates while consolidating family’s holdings in a… pic.twitter.com/GdO7qAJXXL
— Dr. Tanmay Motiwala (@Least_ordinary) March 28, 2024
1994 से अब तक 750 गुना बढ़ गई वैल्यू
डॉक्टर तन्मय मोतीवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मेरे दादा ने 500 रुपये के ये शेयर 1994 में खरीदे और वो भूल गए. उन्हें नहीं पता कि ये शेयर क्यों खरीदे थे और आज तक होल्ड किए हुए हैं. मैं हमारे परिवार की संपत्ति के दस्तावेज एक जगह रख रहा था तब इन शेयरों के दस्तावेज मिले. मैंने इन्हें डीमैट में कनवर्ट करने के लिए भेज दिया है. इस पोस्ट पर जबरदस्त रिएक्शन आने लगे. लोग उनसे वैल्यू के बारे में सवाल पूछने लगे तो पता चला कि वो 500 रुपये के शेयर अब 750 गुना बढ़कर 3.75 लाख रुपये के हो गए हैं.
फिजिकल शेयर को करवा रहे डीमैट में कनवर्ट
इसके बाद तन्मय मोतीवाला ने बताया कि इन फिजिकल शेयर को डीमैट अकाउंट में तब्दील करवाना एक मुश्किल प्रक्रिया है. सेबी के अनुसार, यदि किसी के पास फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट हैं तो उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में लाना ही पड़ेगा. इसके बाद ही ट्रेडिंग या ट्रांसफर किया जा सकता है. तन्मय ने लिखा कि शायद यह समस्या सभी को झेलनी पड़ रही है. हमें एक कंसल्टेंट की मदद लेनी पड़ी है. इसके बावजूद हमें काफी समय लग गया है. उन्होंने लिखा कि फिलहाल वह इन शेयर को बेचने का कोई प्लान नहीं बना रहे हैं.
पोस्ट हुई वायरल, आ रहे रोचक कमेंट्स
इस पोस्ट पर बड़े रोचक कमेंट आए हैं. एक यूजर ने लिखा कि यह अमाउंट छोटा जरूर लग सकता है लेकिन, आप इतने पैसे में एक छोटी कार ले सकते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि 1994 में 500 रुपये एक शिक्षक की वेतन होगी, जो कि अब 40 हजार रुपये हो चुकी है. एक अन्य यूजर ने अपनी कहानी बताते हुए लिखा कि मेरे दादा भी एसबीआई के कर्मचारी थे और उनके पास 500 शेयर थे. मुझे 17 साल की उम्र में वो शेयर मिले. उन्हें बेचकर मैंने इक्विटी में निवेश की यात्रा शुरू की थी.
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