Geeta Jayanti 2023: गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी. महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता ज्ञान देकर जीवन की सात्विकता से रूबरू कराया था. इसी संवाद को एक ग्रंथ में पिरोया गया जिसका नाम श्रीमद्भागवत गीता है.
गीता में लिखे गए श्लोक कोई मानव नहीं बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले है, इसलिए हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है. गीता का महत्व भारत ही नहीं विदेशों में भी है. आइए जानते हैं गीता जयंती पर पूजा शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करें.
गीता जयंती 2023 मुहूर्त (Geeta Jayanti 2023 Muhurat)
गीता जयंती 2023 | गीता की 5160वीं वर्षगांठ |
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि शुरू | 22 दिसंबर 2023, सुबह 8:15 |
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त | 23 दिसंबर 2023, सुबह 7:10 |
रवि योग | सुबह 07.09 – रात 09.36 (22 दिसंबर 2023) |
शिव योग | 22 दिसंबर 2023, सुबह 11.11 – 23 दिसंबर 2023, सुबह 09.08 |
सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 07.09 – रात 09.36 (22 दिसंबर 2023) |
गीता जयंती पूजा विधि (Geeta Jayanti Puja Vidhi)
- गीता जयंती के दिन श्रीमद्भागवत गीता और लड्डू गोपाल की घर में स्थापना करना शुभ माना जाता है. इस दिन मोरपंख, एकाक्षी नारियल, बांसुरी लाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
- इस दिन स्नान के बाद पूजा स्थल आटे से चौक बनाएं और लकड़ी के पाट पर गीता ग्रंथ को रखकर हल्दी, कुमकुम, फूल, चावल से पूजा करें.
- श्रीकृष्ण की विधि विधान से उपासना करें. फिर पूरे परिवार के साथ घर में गीता का पाठ करें.
- जो अध्याय शुरू किया है उसे पूरा जरुर पढ़ें, अधूरा न छोड़ें. गीता के उपदेशों का अनुसरण करने पर समस्त कठिनाइयों और शंकाओं का निवारण होता है. परिवार में सुख-समृद्धि आती है. मोक्ष मिलता है.
- गीता पाठ करने के बाद किसी मंदिर में केले का पेड़ लगा सकते हैं, इससे श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.
- जरुरतमंदों को चने की दाल, केला, घी, गुड़, चावल, वस्त्र, गर्म कपड़े का दान करें.
- अगर आप गीता जयंती पर गीता पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ खास मंत्रों का जाप करें, इससे भी श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गीता जयंती मंत्र (Geeta Jayanti Mantra)
- सुख-समृद्धि के लिए – ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे
- संतान प्राप्ति – क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।’ मंत्र- सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
- वैवाहिक जीवन में सुख – कृष्णायवासुदेवायहरयेपरमात्मने। प्रणतक्लेशनाशायगोविन्दायनमोनम:॥
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