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शेयर बाजार के लिए साल 2023 शानदार साबित हुआ. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों में साल के दौरान करीब 20-20 फीसदी की तेजी देखी गई. सेंसेक्स तो साल के दौरान 11 हजार अंक से ज्यादा के फायदे में रहा. शेयर बाजार की इस शानदार रैली के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
लिवाली के साथ समाप्त किया साल
घरेलू शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, पूरे साल 2023 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई भारतीय शेयर बाजार पर मेहरबान रहे. खासकर साल के अंतिम महीने में तो एफपीआई ने अपने दोनों हाथ खोल दिए. इसी कारण दिसंबर एफपीआई के निवेश के लिहाज से भारतीय बाजार के लिए पूरे साल 2023 का सबसे बड़ा महीना बन गया. दिसंबर से पहले लगातार तीन महीने से एफपीआई बिकवाल बने हुए थे.
दिसंबर का रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा
पूरे साल के दौरान भारतीय बाजार में एफपीआई ने 2.37 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अकेले दिसंबर में एफपीआई ने इंडियन इक्विटीज में 66,135 करोड़ रुपये की खरीदारी की. भारतीय बाजार में उनका टोटल इनफ्लो 29 दिसंबर तक 84,537 करोड़ रुपये रहा. वहीं पूरे साल का देखें तो एफपीआई ने इक्विटी में 1.71 लाख करोड़ रुपये और ओवरऑल 2.37 लाख करोड़ रुपये डाले.
डेट मार्केट में किया इतना निवेश
एफपीआई भारतीय बाजार में इक्विटी के अलावा डेट सेगमेंट में भी बड़ा निवेश करते आए हैं. वे इक्विटी और डेट के अलावा हाइब्रिड और डेट-वीआरआर में भी पैसे डालते हैं. सिर्फ डेट मार्केट की बात करें तो पूरे साल 2023 में इस सेगमेंट में एफपीआई का शुद्ध निवेश 68,663 करोड़ रुपये रहा है.
सिर्फ 4 महीने रहे शुद्ध बिकवाल
पूरे साल का ट्रेंड देखें तो 2023 के12 महीनों में से 4 में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे, जबकि 8 महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय बाजार में शुद्ध आधार पर खरीदारी की. शुद्ध बिकवाली वाले महीने जनवरी, फरवरी, सितंबर और अक्टूबर रहे. पूरे साल के बारे में ऐसा भी कह सकते हैं कि एफपीआई ने 2023 की शुरुआत तो भारतीय बाजार में बिकवाल होकर की थी, लेकिन साल को उन्होंने जबरदस्त लिवाली के साथ समाप्त किया. इस तरह ओवरऑल 2023 में एफपीआई लिवाल बने रहे.
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