[ad_1]
Affordable Housing Sales Falls: देश में इन दिनों जितने फ्लैट्स बिक रहे उसमें सस्ते घरों के शेयर में बड़ी गिरावट आई है. 2023 की पहली छमाही में अफोर्डेबल प्रॉपर्टी के सेल्स में 20 फीसदी की कमी आई है जो 2022 की समान अवधि में 11 फीसदी कम देखने को मिली थी. और इसकी वजह है महंगा होम लोन और महंगी ईएमआई जो पिछले दो वर्षों में 20 फीसदी महंगा हो चुका है.
सस्ते घरों की सेल्स में गिरावट
प्रॉपर्टी कसंलटेंट एनारॉक ने रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2023 की पहली छमाही में कुल हाउसिंग सेल्स में अफोर्डेबल यानि सस्ते घरों की बिक्री में 20 फीसदी की कमी आई है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि देश के टॉप 7 शहरों में अफोर्डेबल सेगमेंट की हाउसिंग सप्लाई में 2023 की पहली छमाही में 18 फीसदी की कमी आई है. 2022 की पहली छमाही में 23 फीसदी की कमी देखने को मिली थी.
महंगे होम लोन ने बढ़ाई मुश्किल
अफोर्डेबल हाउसिंग की खरीदार होमबायर्स की मुश्किलें महंगे होम लोन ने बढ़ा दी है. पिछले दो वर्षों में महंगा होम लोन के चलते ईएमआई 20 फीसदी महंगी हुई है. 20 लाख रुपये तक के होम लोन पर 2021 के मध्य में 6.7 फीसदी ब्याज दर हुआ करता था जो 2023 में मौजूदा समय में बढ़कर 9.15 फीसदी हो चुका है.
मूलधन से ज्यादा हुआ ब्याज का हिस्सा
जुलाई 2021 में 30 लाख रुपये तक के होम लोन होमबायर्स को 22,700 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा था जो अब बढ़कर 27,300 रुपये हो चुका है. हर महीने 4600 रुपये ईएमआई महंगी हो चुकी है. साल में 55,200 रुपये ज्यादा ईएमआई चुकाना पड़ रहा है. 2021 के होम लोन के दरों के मुताबिक होम बायर्स को 24.5 लाख रुपये बैंक को ब्याज के मद में भुगतान करना पड़ जो अब बढ़कर 35.5 लाख रुपये हो चुका है. यानि 11 लाख रुपये अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा. यानि होम बायर्स के मूलधन से ज्यादा ब्याज का भुगतान करना होगा. एनारॉक के मुताबिक ये होम लोन बायर्स के साथ हाउसिंग मार्केट के लिए ठीक नहीं है.
घट रही अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट्स की लॉन्चिंग
एनारॉक के रिपोर्ट के मुताबिक 2023 की पहली छमाही में टॉप सात शहरों में कुल 2.29 लाख घरों की यूनिट्स की सेल्स हुई है जिसमें केवल 46,650 यूनिट्स अफोर्डेबल थे. जबकि 2022 की पहली छमाही में 1.84 लाख यूनिट्स की सेल्स हुई थी और 57,060 यानि 31 फीसदी यूनिट्स अफोर्डेबल हाउसिंग वाले थे.
ये भी पढ़ें
[ad_2]
Source link