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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी और फिट रहने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना बहुत ज्यादा जरूरी है, इसके लिए लोग तरह-तरह की एक्सरसाइज (Exercise) करते हैं. कई लोगों को जिम जाकर वर्कआउट करना पसंद होता हैं, तो कई लोग ऐसे हैं जो नेचर में वॉक करना या जॉगिंग (jogging) करना पसंद करते हैं.
कई बार समय कम होने की वजह से अक्सर कन्फ्यूजन रहता है कि क्या करें, तो आज हम आपको बताते हैं 10 मिनट स्पॉट जॉगिंग (Spot jogging)और 45 मिनट वॉक (walking) करने के बीच में अंतर क्या है और कौन सा आपकी सेहत को ज्यादा फायदे दे सकता है.
स्पॉट जॉगिंग मतलब हाई इंटेंसिटी वर्कआउट, इसमें आप एक पर्टिकुलर जगह पर तेजी से चलते हैं और 10 मिनट में ही कम से कम 80 से 120 कैलोरी बर्न कर सकते हैं. यह आपकी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बढ़ावा देता है और हार्ट को तेजी से पंप करने में मदद करता है. दूसरी ओर वॉक करना एक हल्की-फुल्की एक्टिविटी है, जिसमें आप 45 मिनट में 150 से 200 कैलोरी बर्न कर सकते हैं, ये आपकी स्पीड और वेट पर भी निर्भर करता है. यह एक लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज होती है, जो लंबे समय में वजन घटाने और फिटनेस के लिए फायदेमंद होती है.
समय और सुविधा : स्पॉट जॉगिंग कम समय में ज्यादा इफेक्ट देती है, आप इसे घर के अंदर भी कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है, वहीं वॉक करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है. यह बाहर करने वाली एक्टिविटी है, जो ताजी हवा और नेचर के बीच करने में ज्यादा फायदे होते हैं.
हार्ट हेल्थ को बढ़ावा दें : स्पॉट जॉगिंग करने से हार्ट रेट बेहतर होती है, यह एरोबिक फिटनेस और स्टेमिना को बढ़ाती है. वहीं, वॉक करने से धीमी गति से हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद होती है.
मांसपेशियों और जोड़ों पर प्रभाव स्पॉट जॉगिंग घुटनों और जोड़ों पर ज्यादा दबाव डाल सकती हैं. वहीं, चलना जोड़ों और मांसपेशियों पर कम दबाव डालता है, ऐसे में जोड़ों के दर्द या अर्थराइटिस की समस्या वालों के लिए स्पॉट जॉगिंग की जगह चलना बेहतर होता है.
Published at : 21 Nov 2024 06:47 PM (IST)
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