सोने की ज्वेलरी लेने जा रहे हैं तो जान लीजिए ये तरीका, होगी बड़ी बचत 

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त्योहारी सीजन में गोल्ड की खरीदारी बढ़ जाती है. धनतेरस से लेकर दिवाली तक सोने-चांदी की ज्वेलरी की डिमांड से लेकर गोल्ड में निवेश ज्यादा होता है. अक्सर देखा जाता है कि डिमांड ज्यादा होने से ज्वेलरी के दाम भी बढ़ जाते हैं. 

गोल्ड ज्वेलरी खरीदने पर सिर्फ गोल्ड ही नहीं, बल्कि कई तरह के चार्ज का भुगतान करना पड़ता है. इसमें  मेकिंग चार्ज, जीएसटी और अन्य तरह के चार्ज शामिल होते हैं. अगर आप फेस्टिवल सीजन के दौरान गोल्ड ज्वेलरी लेने जा रहे हैं तो यहां बताया गया है कि कैसे आप मेकिंग चार्ज पर बचत कर सकते हैं और सस्ते में सोने के गहने खरीद सकते हैं. 

वहीं गोल्ड ज्वेलरी का प्राइस, उसकी मौजूदा प्राइस पर निर्भर करता है. 22 कैरट गोल्ड ज्वेलरी की कीमत 18 कैरट के गोल्ड ज्वेलरी की तुलना में ज्यादा होगी. इसी तरह, गोल्ड ज्वेलरी का डिजाइन जटिल होता है तो मेकिंग चार्ज भी ज्यादा हो सकता है.  

गोल्ड ज्वेलरी हो सकती है सस्ती 

अक्सर देखा जाता है कि कई जौहरी मेकिंग चार्ज दो तरीके से वसूलते हैं. गोल्ड पर मेकिंग चार्ज 200 से 300 रुपये प्रति ग्राम या फिर कुल प्राइस का 12 प्रतिशत वसूलते हैं और आप इनमें से किसी एक विकल्प का चयन करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. ऐसे में आपको अपने ज्वेलरी पर कैलकुलेशन करना चाहिए और उस हिसाब से मेकिंग चार्ज दी जा सकती है. 

फेस्टिवल सीजन में देखें ऑफर

कई ज्वेलर्स फेस्टिवल सीजन के दौरान ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए ऑफर के साथ सोने के गहने पेश करते हैं. आप सभी मार्केट में तुलना करके अच्छे ऑफर की तलाश कर सकते हैं. सही ऑफर आपको कम दाम पर ज्वेलरी दिला सकती है. हालांकि आपको सोने की शुद्धता पर भी ध्यान देना चाहिए. गोल्ड खरीदते समय आपको हॉलमार्किंग और शुद्धता के अन्य फैक्टर पर गौर करना चाहिए. 

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