सरकार के पास नहीं है चीनी लोन ऐप कंपनियों का डेटा, एक्ट के तहत नहीं है ‘शेल कंपनी’ की परिभाषा

[ad_1]

Chinese Companies: केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि उसके पास चीनी कंपनियों द्वारा लोन ऐप्स चलाये जाने से जुड़ा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. संसद में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक देश में 53 चीनी कंपनियां मौजूदा हैं जो भारत में व्यवसाय कर रही हैं. लेकिन इन कंपनियों द्वारा ऐप्स के माध्यम से लोन देने से जुड़े बिजनेस गतविधि के बारे में कोई डेटा नहीं रखा जाता है. 

लोकसभा में  कॉरपोरेट मामलों के मंत्री से ऐसे चीनी कंपनी के बारे में जानकारी मांगी गई जो भारत में ऑपरेट कर रहे हैं और ऐप्स के जरिए लोन दे रही हैं. इसी प्रश्न के जवाब में  कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 53 चीनी कंपनियों ने भारत में बिजनेस करने के लिए स्थान प्राप्त किया है. हालांकि इन कंपनियों द्वारा ऐप के जरिए लोन देने की गतिविधि के बारे में कोई डेटा सरकार के पास नहीं है. 

ये भी सवाल किया गया कि क्या सरकार को ये जानकारी है कि ऐसी शेल कंपनियां जो चीन बेस्ड हैं और भारत में ऑपरेट कर रही हैं और जिनके भारतीय डायरेक्टर्स हैं जो कई कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं. सरकार से पूछे गए प्रश्न में ऐसी चीनी कंपनियों के बारे में जानकारी मांगी गई. इस प्रश्न के जवाब में कॉरपोरेट राज्यमंत्री ने कहा, एक्ट यानि अधिनियम के तहत शेल कंपनी की कोई परिभाषा नहीं है. रजिस्टरार ऑफ कंपनीज ऐसी किसी भी कंपनी का नाम हटा सकती है जो अपने स्थापित किए जाने के एक साल के भीतर कारोबार शुरू करने में विफल रहती है या फिर अगले दो वित्त वर्ष तक कोई बिजनेस या ऑपरेशन शुरू नहीं करती है. यदि उसने निष्क्रिय या डोरमैट कंपनी का दर्जा हासिल करने के लिए इस अवधि के दौरान कोई आवेदन नहीं किया है तो रजिस्टरार ऑफ कंपनीज कंपनी का नाम हटा सकती है.    

सरकार ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से लेकर 28 नवंबर 2023 के बीच 1,55,217 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कंपनीज एक्स 2013 की धारा 248 (1) के तहत रद्द कर दिया गया है. पिछले कई महीनों से चीनी लोन ऐप कंपनियां चर्चा में रही हैं जो लोन रिकवर करने के लिए गलत और गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल करती रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों चीनी लोन ऐप मामलों में बड़ी कार्रवाई भी की है.  

ये भी पढ़ें 

RBI Says: सोशल – प्रिंट मीडिया में चलाया जा रहा गैरकानूनी कर्ज माफी का अभियान, आरबीआई ने ऐसे ऑफरों से किया आगाह

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *