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7th Pay Commission: देश में त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और गणेशोत्सव की धूम फिलहाल चारों ओर देखी जा रही है. देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को अब अपने महंगाई भत्ते यानी DA में बढ़ोतरी का इंतजार है. इसी से जुड़ी एक ऐसी खबर आई है जो सरकारी कर्मचारियों को खुश कर सकती है. सरकारी नौकरियों में कार्यरत कर्मचारियों और पेंशनर्स को जल्द ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है.
केंद्र सरकार कब कर सकती है महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान
केंद्र सरकार आने वाले महीने यानी अक्टूबर के पहले हफ्ते में यानी नवरात्रि से पहले ही महंगाई भत्ते में 3 फीसदी के इजाफे का एलान कर सकती है. केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक जुलाई महीने से ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं. इस बार अक्टूबर की सैलरी में बढ़े हुए महंगाई भत्ते (डीए) और एरियर्स के साथ सैलरी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
कब-कब होता है महंगाई भत्ते में संशोधन
महंगाई भत्ते में हर साल जनवरी और जुलाई में यानी 2 बार संशोधित किया जाता है. अभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 42 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. अगर जल्द ही इसमें 3 फीसदी का और इजाफा हो जाता है तो ये बढ़कर 45 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
किस फॉर्मूले के आधार पर होती है महंगाई भत्ते की गणना
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक तय फॉर्मूला है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए की गणना नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर की जाती है. इस फॉर्मूला के आधार पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में इजाफा किया जाता है. जुलाई के सीपीआई आंकड़े के मुताबिक सरकार डीए में 3 फीसदी का इजाफा कर सकती है. महंगाई भत्ता इंडस्ट्रियल वर्कर्स के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है जिसे हर महीने लेबर ब्यूरो जारी करता है. केंद्रीय कर्मचारी 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की उम्मीद रख रहे हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक 3 फीसदी ही महंगाई भत्ता बढ़ाया जाएगा और कुल मिलाकर केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 45 फीसदी हो जाएगा.
3 फीसदी बढ़ सकता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला एक जुलाई से लागू होगा और अक्टूबर महीने का वेतन महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के साथ मिलेगा. जुलाई से सितंबर तक के लिए एरियर भी अक्टूबर के वेतन के साथ मिल सकता है. आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार के इस फैसले का 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा.
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