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शेयर बाजार में निवेश कर कमाई करने वाले लोगों के लिए नया महीना बुरी खबर लेकर आ रहा है. दरअसल शेयरों से जुड़े टैक्सेशन के नियम में पहली तारीख से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. यह बदलाव शेयरहोल्डर्स पर भारी पड़ने वाला है. अब उनकी कमाई पर ज्यादा टैक्स लगने वाला है. यह बदलाव जुड़ा है शेयर बायबैक यानी शेयरों की पुनर्खरीद से. आइए जानते हैं कि यह बदलाव क्या है और इससे शेयर बाजार के निवेशकों पर किस तरह से असर पड़ने वाला है.
बजट में हुआ था बदलाव का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए शेयर बायबैक पर टैक्स के नियम में बदलाव प्रस्तावित किया था. प्रस्ताव अब 1 अक्टूबर 2024 से नियम बनने वाला है. अभी तक शेयरों की पुनर्खरीद से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी होल्डर के ऊपर नहीं होती थी. शेयर बायबैक पर टैक्सेशन के नियम कंपनियों के ऊपर लागू होते थे, लेकिन उसमें उन्हें छूट मिली हुई थी.
कैपिटल गेन नहीं, डिविडेंड की तरह टैक्स
अब शेयर बायबैक से होने वाली कमाई को लेकर टैक्स की देनदारी कॉरपोरेशंस यानी कंपनियों से शेयरहोल्डर्स पर शिफ्ट किया जा रहा है. मतलब इस तरह से जो भी कमाई होगी, उसके लिए शेयरहोल्डर के ऊपर टैक्स की देनदारी बनेगी. शेयर बायबैक से होने वाली कमाई को कैपिटल गेन नहीं, बल्कि डिविडेंड के रूप में क्लासिफाई किया जाएगा. यानी जिस तरह से डिविडेंड होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स की देनदारी बनती है, उसी तरह से अब बायबैक की कमाई पर भी टैक्स का नियम लागू होगा.
डिविडेंड से होने वाली कमाई को टैक्सपेयर्स की कुल आय में जोड़ा जाता है. उसके बाद आय का जो आंकड़ा बैठता है, उसके स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स की देनदारी का कैलकुलेशन किया जाता है. अब इसी तरह टैक्स भरने वाले शेयरहोल्डर्स की कुल आय में बायबैक की कमाई को भी जोड़ा जाएगा. उसके बाद संबंधित स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स की देनदारी कैलकुलेट की जाएगी.
कई तरह कमाते हैं शेयर इन्वेस्टर
शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कई तरह से कमाई होती है. पहली कमाई होती है शेयरों का भाव बढ़ने से. मान लीजिए आप 100 रुपये का कोई शेयर खरीदते हैं. कुछ समय में उसका भाव बढ़कर 1000 रुपये हो जाता है. इस तरह आपको उस शेयर से 900 रुपये की कमाई हो जाती है. भाव बढ़ने के अलावा भी शेयरहोल्डर्स को अन्य कमाई होती है. कई कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.
इस तरह से होगा टैक्स का कैलकुलेशन
इसी तरह कंपनियां शेयर बायबैक ऑफर लेकर आती हैं. बायबैक में कंपनी अपने पब्लिक शेयरों को वापस खरीदती है. इस तरह के ऑफर में अमूमन कंपनियां शेयरों के मौजूदा भाव (सीएमपी) से ऊपर का भाव ऑफर करती हैं. मसलन शेयर बढ़कर अभी 1000 रुपये का हुआ. कंपनी बायबैक में 1,100 रुपये कर सकती है. इस तरह आपको 100 रुपये की अतिरिक्त कमाई हो जाती है, जो भाव बढ़ने से हुई 900 रुपये की कमाई से अलग है. अब ऐसे मामले में जो 900 रुपये की कमाई हुई, उसके ऊपर कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स लगेगा, लेकिन बाद में बायबैक से जो 100 रुपये की कमाई हुई, उसके ऊपर डिविडेंड की तरह टैक्स लगेगा.
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