NSE and BSE: देश की एक तिहाई दौलत इस समय शेयर बाजार से पैदा हो रही है. देश को आगे बढ़ाने में शेयर बाजार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. फिलहाल देश में लगभग 8.5 करोड़ निवेशक हैं. इनमें से 2 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं. साथ ही 5 करोड़ से अधिक परिवार सीधे शेयर बाजारों के माध्यम से निवेश करते हैं.
100 ट्रिलियन डॉलर होगी भारत की इकोनॉमी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान (Ashish Kumar Chauhan) ने कहा कि भारत की हर तीन में से एक संपत्ति शेयर बाजारों से आ रही है. उन्होंने कहा कि भारत की इकोनॉमी 50 साल में 100 ट्रिलियन डॉलर (100 Trillion Dollar) तक पहुंच सकती है.
एनएसई का मार्केट कैप 4.34 ट्रिलियन डॉलर
हालांकि, कई अधिकारियों और मंत्रियों ने अनुमान लगाया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले भारत 4 ट्रिलियन डॉलर (4 Trillion Dollar) की इकोनॉमी बन जाएगा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप साल 2023 के अंत तक 4.34 ट्रिलियन डॉलर है. यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत में 15.4 ट्रिलियन डॉलर दौलत थी.
हमारी आबादी है बड़ी ताकत
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी (BACS) के कार्यक्रम में बोलते हुए चौहान ने कहा कि अगर दुनिया 250 ट्रिलियन डॉलर की अधिक संपत्ति बनाने जा रही है तो उसका लगभग 30 फीसदी हिस्सा भारत का होगा. हम दुनिया की कुल आबादी का लगभग 18 फीसदी और युवा आबादी का 20-22 फीसदी हैं.
निवेशकों के लिए जमकर धन पैदा कर रहे स्टॉक मार्केट
चौहान ने बताया कि भारत के पूंजी बाजार निवेशकों के लिए जमकर धन पैदा कर रहे हैं. लोगों का भरोसा शेयर बाजारों पर मजबूत हुआ है. इसीलिए देश में इनवेस्टर्स की संख्या 8.5 करोड़ को छू चुकी है. साथ ही 2 करोड़ से ज्यादा महिलाएं भी शेयर बाजार में अपनी पूंजी लगा रही हैं. देश के 5 करोड़ से ज्यादा परिवार शेयर बाजारों के माध्यम से निवेश कर रहे हैं. यह आंकड़ा भारत के कुल परिवारों का लगभग 17 फीसदी है.
शेयर बाजार ने बदल दी लोगों की लाइफस्टाइल
पिछले 10 सालों में शेयर बाजार ने लोगों की लाइफस्टाइल बदलने में मदद की है. उन्होंने बिटकॉइन पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका मकसद अगले मूर्ख की तलाश करना है जबकि शेयर बाजार किसी कंपनी के लाभ में आपको हिस्सेदारी दिलाता है.
भारत के 99.8 फीसदी इलाकों में फैले हैं यह निवेशक
सितंबर, 2023 तक एनएसई का इनवेस्टर बेस 7 करोड़ से बढ़कर 8 करोड़ हो गया था. साल के अंत तक यह आंकड़ा 8.5 करोड़ इनवेस्टर तक पहुंच गया. भारत के लगभग 99.8 फीसदी इलाकों से यह निवेशक आते हैं. लगभग 90 लाख निवेशकों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है. पिछले कैलेंडर वर्ष में इक्विटी डेरिवेटिव में कम से कम एक बार कारोबार करने वाले निवेशकों की संख्या सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 83.6 लाख हो गई. कैश सेगमेंट के लिए यह संख्या सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत घटकर 2.67 करोड़ हो गई.
ये भी पढ़ें