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Shiv Puran Lord Shiva Niti in Hindi: शिव पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में एक है. शिव पुराण को महापुराण कहा जाता है, क्योंकि यह सभी पुराणों में सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है. इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूप, लीलाओं, कथाओं, ज्योतिर्लिंगों, शिवलिंग की उत्पत्ति और शिव पूजन की विधि व लाभ आदि से संबंधित कथाएं हैं.
शिव पुराण के पाठ की शुरुआत आप किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं. लेकिन सोमवार, सावन या शिवरात्रि जैसे दिनों में इसका पाठ कराना अत्यंत शुभ माना जाता है. कई लोग घर पर शिव पुराण का पाठ कराते हैं और संगे-संबंधियों को आमंत्रित करते हैं. इस आयोजन तो शिव चर्चा भी कहा जाता है. महर्षि व्यास जी के शिष्य सूतजी द्वारा शिव पुराण की कथा के नियम और लाभों के बारे में बताया गया है.
यदि आप शिव पुराण की कथा सुन रहे हैं तो आपको कुछ चीजों के प्रयोग से परहेज करना चाहिए. आइए जानते हैं शिव पुराण की कथा सुनने से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में-
इन चीजों से करें परहेज
यदि आप शिव पुराण की कथा सुनते हैं तो आपको कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए. आप जितने दिनों तक शिव पुराण की कथा सुनें तो इस दौरान मसूर की दाल, गाजर, बासी भोजन, लहसुन, प्याज, हींग, जला हुआ भोजन, सेम, गरिष्ठ भोजन, मांसाहार भोजन और नशीले पदार्थों से परहेज करें. यदि आप इन चीजों का सेवन कर शिव कथा सुनेंगे तो आपको कथा का पूर्ण लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही शिव कथा सुनने वालों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. जितने दिनों तक शिव पुराण की कथा चले, उतने दिनों तक एक समय सात्विक भोजन ही करना चाहिए.
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