रेरा का असर, सुधर गया हाउसिंग प्रोजेक्ट का हाल, 5 साल में पूरा हो गया इतने प्रोजेक्ट का काम

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<p>केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर खासकर हाउसिंग कैटेगरी में प्रोजेक्ट के समय पर पूरा नहीं होने व अन्य अनियमितताओं को दूर करने के लिए पिछले कुछ सालों के दौरान कई सुधार किया है. रियल एस्टेट सेक्टर में किए गए सुधारों में सबसे बड़ा है रेरा कानून. एक ताजी रिपोर्ट बताती है कि रेरा कानून अपने उद्देश्यों को हासिल करने में बड़े हद तक सफल रहा है और इसके चलते हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में होने वाली देरी पर लगाम लगी है.</p>
<h3>इतने हाउसिंग प्रोजेक्ट हो गए तैयार</h3>
<p>रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक की एक ताजी रिपोर्ट के अनुसार, रेरा कानून के लागू होने के बाद जितने हासिंग प्रोजेक्ट लॉन्च हुए हैं, उनमें से 86 फीसदी 5 साल में तैयार हो गए हैं. रेरा यानी रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 को पारित होने के बाद 1 मई 2017 से लागू किया गया थाा. रिपोर्ट बताती है कि उसके बाद 2017 की दूसरी छमाही और 2018 के दौरान देश के टॉप-7 शहरों में जो हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च हुए, उनमें से कम से कम 86 फीसदी का काम पूरा हो चुका है.</p>
<h3>व्यवधानों के बाद भी समय पर काम</h3>
<p>एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, उन डेढ़ सालों यानी 2017 के अंतिम छह महीने और 2018 के पूरे 12 महीने के दौरान 1,642 रेरा-रजिस्टर्ड रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए. ये प्रोजेक्ट देश के टॉप सात शहरों में लॉन्च किए गए. उनमें से 1,409 हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है, जबकि इस दौरान कोविड महामारी से लेकर यूरोप में युद्ध छिड़ने से आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आए.</p>
<h3>टॉप-7 शहरों में सबसे आगे चेन्नई</h3>
<p>रिपोर्ट में बताया गया है कि चेन्नई में सबसे ज्यादा 90 फीसदी प्रोजेक्ट तैयार हुए हैं. उन डेढ़ सालों के दौरान शहर में 119 प्रोजेक्ट लॉन्च हुए, जिनमें 107 का काम पूरा हो गया है. एनारॉक का कहना है कि बड़े टाउनशिप को छोड़ दें तो आम तौर पर हाउसिंग प्रोजेक्ट को तैयार होने से 5 साल से ज्यादा समय नहीं ही लगना चाहिए. फर्म ने बताया कि 2022 के दौरान देश के टॉप-7 शहरों में 4.02 लाख से ज्यादा घर तैयार किए गए. यह 2017 के बाद किसी एक साल के दौरान घरों के तैयार होने का सबसे बड़ा आंकड़ा है.</p>
<h3>रिपोर्ट पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट</h3>
<p>एनारॉक की रिपोर्ट के बारे में Krisumi Corporation के मैनेजिंग डाइरेक्टर मोहित जैन ने कहा, निश्चित तौर पर नियामकीय सुधारों ने पारदर्शिता व उत्तरदायित्व तय कर बदलावों के दौर की शुरुआत की है. सुधारों ने निवेशकों और घर खरीदारों के बीच भरोसा तैयार किया है.</p>
<p>वहीं सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर व चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रेरा कानून ने घर खरीदारों को भरोसा दिलाया है कि उनका निवेश सुरक्षित रहेगा और उन्हें समय पर अपने सपनों का घर मिल जाएगा.</p>
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