[ad_1]
प्रॉपर्टी पर लोन के मामले में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हक में बड़ा फैसला लिया है. अब अगर लोन चुका देने के बाद प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट वापस देने में बैंक या एनबीएफसी देरी करते हैं तो उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में बुधवार की सुबह नया आदेश जारी किया है.
रिजर्व बैंक को मिल रही थी शिकायत
रिजर्व बैंक ने यह ऑर्डर स्मॉल फाइनेंस बैंकों समेत सभी कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी व एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियों को भेजा है. दरअसल रिजर्व बैंक को इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं कि ग्राहकों के द्वारा लोन को पूरा चुका देने या सेटल करने के बाद भी बैंकों व एनबीएफसी आदि के द्वारा प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट देने में देरी की जा रही है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस देरी के चलते विवाद और मुकदमेबाजी जैसी स्थितियां पैदा हो रही है.
क्या कहता है फेयर प्रैक्टिस कोड
सेंट्रल बैंक ने सभी संबंधित वित्तीय संस्थानों को ताजे ऑर्डर में रिस्पॉन्सिबल लेंडिंग कंडक्ट यानी जिम्मेदार कर्ज व्यवहार की याद दिलाई. आरबीआई के फेयर प्रैक्टिस कोड इस संबंध में साफ हिदायत देते हैं कि अगर ग्राहक प्रॉपर्टी लोन की सारी किस्तें चुका दें या लोन को सेटल करा लें तो ऐसी स्थिति में उन्हें तत्काल प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट मिल जाने चाहिए.
[ad_2]
Source link