मोतीसंस ज्वैलर्स के शेयरों ने लिस्ट होते ही निवेशकों के पैसे कर दिए डबल, जानें प्रीमियम डिटेल

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Motisons Jewellers IPO Listing: आईपीओ की लिस्टिंग के लिहाज से मंगलवार का दिन बहुत अहम रहा. कई कंपनियों के शेयर्स स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुए हैं. इनमें मोतीसंस ज्वैलर्स के आईपीओ की लिस्टिंग भी शामिल है. इस आईपीओ ने शेयर मार्केट में डेब्यू करते ही निवेशकों को मालामाल कर दिया है. लिस्टिंग के दिन ही उनके पैसे डबल हो गए हैं. NSE पर शेयर 98.18 फीसदी के प्रीमियम पर 109 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए हैं. वहीं, BSE पर शेयरों की लिस्टिंग 103.90 रुपये प्रति शेयर पर हुई है.

एक्सपर्ट्स को थी तगड़ी लिस्टिंग की उम्मीद

एक्सपर्ट्स को उम्मीद थी कि मोतीसंस ज्वैलर्स (Motisons Jewellers) के आईपीओ की लिस्टिंग 115 से 125 रुपये प्रति शेयर के बीच हो सकती है. ऐसे यह उम्मीद जताई जा रही थी कि शेयरों की लिस्टिंग 135 फीसदी प्रीमियम पर होगी. इस लिहाज से लिस्टिंग उम्मीद से कम रही लेकिन, निवेशकों को फिर भी तगड़ा मुनाफा मिला है.

निवेशकों का मिला था तगड़ा रिस्पांस

इस आईपीओ को सभी कैटेगरी में शानदार रिस्पॉन्स मिला था. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स की कैटेगरी में आईपीओ 135.01 गुना सब्सक्राइब किया गया था. वहीं, NII कैटेगरी के निवेशकों ने सबसे ज्यादा 311.99 गुना तक आईपीओ को सब्सक्राइब किया था. रिटेल कैटेगरी को कुल 135.60 गुना सब्सक्राइब किया गया था. इस तरह आईपीओ का ओवरऑल सब्सक्रिप्शन 173.23 गुना रहा था. यह आईपीओ निवेशकों के लिए 18 दिसंबर से 20 दिसंबर तक के लिए खुला था. कंपनी ने शेयरों का प्राइस बैंड 52 से 55 रुपये प्रति शेयर के बीच तय की थी. इस आईपीओ में निवेशक एक बार में कुल 250 शेयर का एक लॉट खरीद सकते थे.

कितना था आईपीओ का साइज

मोतीसंस ज्वैलर्स आईपीओ का साइज 151 करोड़ रुपये का था. इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 50 फीसदी हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 15 फीसदी और रिटेल निवेशकों को लिए 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व किया गया था.

फंड का कहां इस्तेमाल करेगी कंपनी

मोतीसंस ज्वैलर्स जयपुर की एक फेमस ज्वैलरी ब्रांड है, जो गोल्ड, डायमंड और कुंदन की ज्वैलरी का काम करती है. कंपनी की स्थापना 1997 में हुई थी. कंपनी आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि को र्किंग कैपिटल और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए यूज करेगी. इसके साथ ही कुछ फंड को कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

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