[ad_1]
Petrol-Diesel Price Cut: दो सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल (IOCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने 2023-24 की पहली तिमाही के लिए नतीजे घोषित किए हैं और दोनों ही कंपनियों के मुनाफे में बड़ा उछाल देखने को मिला है. आईओसी को पहली तिमाही में 13,750 करोड़ रुपये जबकि बीपीसीएल को 10,644 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. सरकारी तेल कंपनियां मोटे मुनाफे पर बैठी हैं पर जनता की जेब महंगे पेट्रोल डीजल के चलते खाली हो रही है.
मुनाफे में तेल कंपनियां, जनता को राहत नहीं
सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर 10 रुपये प्रति लीटर के करीब मुनाफा हो रहा है इसके बावजूद कंपनियां आम जनता को राहत नहीं दे रही हैं. क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि तीनों सरकारी तेल कंपनियां आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को मौजूदा वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये के करीब ऑपरेटिंग प्रॉफिट होने का अनुमान है जो बीते वर्ष के 33000 करोड़ रुपये का तीन गुना है.
पेट्रोल-डीजल के रिटेल सेल्स पर भारी कमाई
ये अनुमान जताया जा रहा है कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल दोनों ही के रिटेल बिक्री पर 8-9 रुपये प्रति लीटर का प्रॉफिट हो रहा है. साथ ही पहली तिमाही में उनका रिफाइनिंग मार्जिन में भी इजाफा होने का अनुमान है. पिछले कई महीने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 75 से 85 डॉलर प्रति बैरल के बैंड में घुम रहा है. उसपर से भारत ने सस्ती कीमत पर रूस से भी कच्चा तेल आयात किया है. इसके बावजूद मई 2022 के बाद से पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी नहीं की गई है.
महंगाई ने डाला जेब पर डाका
देश के कई शहरों में अभी भी पेट्रोल डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के करीब कीमत पर मिल रहा है. एक तो आम आदमी पहले से ही महंगे खाने-पीने की चीजों से परेशान है. उसपर से महंगा ईंधन महंगाई में और आग लगाने का काम कर रहा है. पर सरकारी तेल कंपनियां मोटा मुनाफा बनाने में जुटी हुई हैं और पेट्रोल डीजल पर मोटी कमाई के बावजूद आम लोगों को राहत नहीं दे रही हैं.
[ad_2]
Source link