मोटर व्हीकल एक्स में संशोधन का प्रस्ताव, रैपिडो-यूबर कर सकेंगे राइड के लिए मोटरसाइकिल का यूज

[ad_1]

Motor Vehicle Act: सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधनों का प्रस्ताव दिया है जिसके तहत मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्राईब्यूनल्स को मामले के निपटारे के लिए 12 महीने का समय-सीमा दिया जाएगा. इसके अलावा संशोधनों में मोटरसाइकिलों के कमर्शियल इस्तेमाल के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तौर पर मान्यता दिए जाने का प्रस्ताव है. इससे एग्रीगेटर्स रैपिडो और यूबर जैसी कंपनियां कानूनी तौर पर मोटरसाइकिलों का व्यवसायिक इस्तेमाल कर सकेंगी.  

कैब एग्रीगेटर्स कर सकेंगे मोटरसाइकिल का इस्तेमाल 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के जरिए ये जानकारी सामने आई है. मौजूदा समय में ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली सभी व्हीकल्स का कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय के मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव से मोटसाइकिल के इस्तेमाल को लेकर कानूनी स्पष्टता देने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक कई राज्यों ने राइड-हेलिंग सर्विस के लिए मोटरसाइकिल के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी जिसके पास मंत्रालय ये संशोधन प्रस्ताव लेकर आ रहा है.  मंत्रालय यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए मोटरसाइकिलों को शामिल करने के लिए कैब एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस में संशोधन करने जा रहा है.  

16-18 वर्ष के युवा को मोटरसाइकिल चलाने की मिलेगी इजाजत!

अंडरएज ड्राइविंग की समस्या से निपटने के लिए मंत्रालय ने 50 सीसी मोटरसाइकल जिसका मोटर पावर अधिकतम 1500 वाट है उन्हें 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 16 से 18 वर्ष की आयु के लोगों को ऑपरेट करने की इजाजत देने का प्रस्ताव दिया है.  सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संसद के शीतकालीन सत्र में मोटर व्हीकल एक्ट में 67 प्रस्तावित संशोधन पेश करने वाला है जिसमें शैक्षणिक संस्थानों की बसों की नई परिभाषा के साथ हल्के मोटर वाहनों (LMV) को उनके ग्रॉस वेट के आधार पर रीक्लासिफिकेशन करने का प्रस्ताव है. इन संशोधनों में सुप्रीम कोर्ट के एक मामले के बाद थ्री-व्हीलर्स को भी परिभाषित किया जा रहा है. 

शैक्षणिक संस्थानों की बसों पर बढ़ेगी सख्ती 

शैक्षणिक संस्थानों की बसों की नई परिभाषा को लेकर जो संशोधन लाया जा रहा है उसके मुताबिक ड्राइवर को छोड़कर छह से ज्यादा लोग जिन्हें छात्रों और कर्मचारियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए संस्थान द्वारा खरीदा गया हो या लीज पर लिया गया हो या हायर किया गया हो. प्रस्ताव के मुताबिक मंत्रालय ने संस्थानों और ड्राइवर्स की जवाबदेही को बढ़ाने के लिए ऐसे बसों के ट्रैफिक के नियमों के उल्लंघन करने पर पेनल्टी को डबल करने का प्रस्ताव दिया है. एक और प्रस्तावित संशोधन में कैब एग्रीगेटर्स, ऑटोमेटेड टेस्ट स्टेशनों और मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए राज्यों को आवेदन को छह महीने के भीतर प्रोसेस करने के लिए कहा जाएगा. राज्य इस समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं करते हैं तो केंद्र सरकार की गाइलाइंस लागू होगी. 

ये भी पढ़ें 

UPS Update: केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में मिलेगी खुशखबरी! यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर 15 अक्टूबर तक जारी हो सकता है नोटिफिकेशन!

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *