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Madhabi Puri Buch Update: शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के रिटायरमेंट के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक से सैलेरी लेने के आरोपों पर आईसीआईसीआई बैंक ने सफाई जारी किया है. बैंक ने इन आरोपों का खंडन करते हुए रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, सेबी चेयरपर्सन को कोई सैलेरी या ईसॉप्स नहीं दिया गया है.
स्टॉक एक्सचेंज पर रेगुलेटरी फाइलिंग में आईसीआईसीआई बैंक ने कहा, सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को वेतन भुगतान का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्ट्स हमारे संज्ञान आई है. इस मामले में हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि, आईसीआईसीआई बैंक या इसकी समूह कंपनियों ने माधबी पुरी बुच के रिटायरमेंट के बाद ना तो कोई वेतन दिया है और ना तो कोई ईसॉप्स (ESOPs) जारी किया है. आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक, माधबी पुरी बुच ने 31 अक्टूबर, 2013 से अपने रिटायरमेंट का विकल्प चुना था. आईसीआईसीआई बैंक ने कहा, माधबी पुरी बुच को रिटायरमेंट के बाद किया गया सभी भुगतान उनके आईसीआईसीआई ग्रुप में सौकरी करने के दौरान किया गया है जिसमें ई-सॉप्स और रिटायरमेंट बेनेफिट्स भी शामिल है.
आईसीआईसीआई बैंक ने बताया कि, ग्रुप में नौकरी करने के दौरान तय नियमों के तहत उन्हें सैलेरी (Salary), रिटायरल बेनेफिट (Retiral Benefits), बोनस (Bonus) और ई-सॉप्स दिया गया है. बैंक के ई-एसओपी नियमों के तहत, अलॉटमेंट की तारीख से अगले कुछ वर्षों में ई-एसओपी का उपयोग करने का विकल्प होता है. उन्हें ई-शॉप्स जारी करने करने के दौरान तय नियमों के तहत कर्मचारी या रिटॉयर्ड कर्मचारी के पास वेस्टिंग की तारीख से 10 वर्षों के भीतर ई-सॉप्स का उपयोग करने का विकल्प था.
कांग्रेस ने सोमवार 2 सितंबर 2024 को दिन में प्रेस कॉंफ्रेंस कर ये आरोप लगाया था कि माधबी पुरी बुच सेबी की फुलटाइम सदस्य बनने के बाद भी आईसीआईसीआई बैंक से वेतन लेती रहीं हैं जो कि नियमों के खिलाफ है. कांग्रेस ने अपने आरोपों में कहा कि 2017 में सेबी में सदस्य बनने के बाद माधबी पुरी बुच सेबी और बैंक दोनों से सैलेरी लेती रहीं थी. कांग्रेस ने माधबी पुरी बुच को सेबी चीफ बनाये जाने पर केंद्र सरकार पर भी हमला बोला था.
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