महात्मा गांधी का प्रिय भजन क्या था ?

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Gandhi Jayanti 2024: देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.इसी दिन को देशभर में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है.

स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्कारी संस्थानों में इस दिन गांधी जी को याद कर उनके जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलूओं पर प्रकाश डाला जाता है. गांधी जी के प्रिय भजन गुन-गुनाए जाते हैं. जानें कौन से हैं वो भजन (Gandhi ji bhajan) जिन्हें गांधी जी अक्सर सुना करते थे.

वैष्णव जन तो तेने कहिये (vaishnav jan to tene kahiye lyrics in Hindi)

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

पर दुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे ।।

सकल लोक माँ सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे ।।

वाच काछ मन निश्चल राखे, धन-धन जननी तेरी रे ।।

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, पर स्त्री जेने मात रे ।।

जिहृवा थकी असत्य न बोले, पर धन नव झाले हाथ रे ।।

मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ वैराग्य जेना तन मा रे ।।

राम नामशुं ताली लागी, सकल तीरथ तेना तन मा रे ।।

वण लोभी ने कपट रहित छे, काम क्रोध निवार्या रे ।।

भणे नर सैयों तेनु दरसन करता, कुळ एको तेर तार्या रे ।।

रघुपति राघव राजाराम (Raghupati Raghav Raja Ram lyrics)

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

सुंदर विग्रह मेघश्याम

गंगा तुलसी शालग्राम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

भद्रगिरीश्वर सीताराम

भगत-जनप्रिय सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

जानकीरमणा सीताराम

जयजय राघव सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

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