[ad_1]
<p style="text-align: justify;"><strong>Household Savings:</strong> घरेलू बचत (Household Savings) देश के कुल सकल घरेलू बचत (Total Gross Domestic Savings) में 70 फीसदी का योगदान करता है. घरेलू बचत भारत में निवेश का सबसे बड़ा जरिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल सेविंग्स के मामले में भारत में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. बैंक या नॉन बैंक डिपॉजिट से बाहर निकलकर लोगों ने शेयर बाजार में निवेश करना चालू कर दिया है. 2001 में कुल बचत में बैंक या नॉन-बैंक फाइनेंशियल सेविंग्स 39 फीसदी हुआ करता था और कैपिटल मार्केट में सेविंग्स 4 फीसदी था. वित्त वर्ष 2022-23 में ये 37 फीसदी और 7 फीसदी रहा है. वित्तीय साक्षरता बढ़ने के चलते लाइफ इंश्योरेंस, प्रॉविडेंट फंड. पेंशन फंड में सेविंग 2000-01 में 34 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 40 फीसदी पर जा पहुंचा है. </p>
<p style="text-align: justify;">बीओएफए सिक्योरिटीज के रिसर्च पेपर के मुताबिक भारत में घरेलू बचत निवेश का सबसे बड़ा सोर्स है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2006-07 में घरेलू बचत जीडीपी का 37.8 फीसदी के उच्च स्तर पर रहा था जबकि वित्त वर्ष 2010-11 में निवेश जीडीपी का 39.8 फीसदी रहा था जो कि पीक लेवल था. लेकिन इसके बाद घरेलू बचत और निवेश दोनों ही में गिरावट देखने को मिली. 2021-22 में सेविंग रेट घटकर डीजीपी का 30.2 फीसदी पर आ गया जबकि निवेश 31.4 फीसदी रहा था जिसमें निचले लेवल से थोड़ी रिकवरी देखी गई है. </p>
<p style="text-align: justify;">वित्त वर्ष 2021-22 में फाइनेंशियल एसेट्स में घरेलू बचत 28 लाख करोड़ रुपये रहा था जो कि 2011-12 में रहे 14 लाख करोड़ रुपये का दोगूना है. एक भारतीय अपने घरेलू बचत का औसतन 77 फीसदी रियल एस्टेट में निवेश करता है, 7 फीसदी ड्यूरेबल्स गुड्स में निवेश करता है जिसमें ट्रांसपोर्टेशन व्हीकल्स, लाइवस्टॉक और पाउलट्री और मशीनरी शामिल है. बचत का 11 फीसदी लोग सोने में निवेश करते हैं. 2011-12 में फिजिकल सेविंग्स में कुल घरेलू बचत की हिस्सेदारी 69 फीसदी थी जो 2020-21 में घटकर 49 फीसदी रह गई है. हालांकि 2021-22 में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है और ये बढ़कर 61 फीसदी पर चला गया है. बीओएफए ग्लोबल रिसर्च का अनुमान है कि 2022-23 में ये बढ़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में घरेलू बचत 2021-22 से ज्यादा रहने का अनुमान है.</p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों की घरेलू फाइनेंशियल सेविंग अभी भी बेहद कमजोर है. फाइनेंशियल एसेट्स में करेंसी, बैंक और नॉन-बैंक डिपॉजिट, लाइफ इंश्योरेंस फंड्स, पेंशन और प्रॉविडेंट फंड, शेयर्स डिबेंचर और सरकार पर बकाया शामिल है. फिजिकल सेविंग्स में घर के अलावा गाड़ी, मशीनरी, सोना और दूसरे आभूषण आते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">घरेलू बचत को मुख्य तौर पर फाइनेंशियल और फिजिकल एसेट्स में बांटा गया है जिसमें फाइनेंशियल सेविंग की हिस्सेदारी 56 फीसदी है वहीं फिजिकल एसेट्स की हिस्सेदारी 44 फीसदी है. फाइनेंशियल सेविंग्स में बैंक और नॉन-बैंक डिपॉजिट की हिस्सेदारी 37 फीसदी है जबकि 8 फीसदी बचत शेयर्स और डिबेंचर में किया जाता है. फिजिकल सेविंग्स में 77 फीसदी सेविंग रियल एस्टेट सेक्टर में जाता है जबकि 11 फीसदी सोना खरीदकर बचत करते हैं. </p>
<p><strong>ये भी पढ़ें </strong></p>
<p><strong><a title="Tax Demand Waived: 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, 1 लाख रुपये तक टैक्स डिमांड किया माफ!" href="https://www.abplive.com/business/good-news-for-one-crore-and-tax-payers-income-tax-demand-upto-1-lakh-rupees-waived-per-individual-by-modi-government-2616944" target="_self">Tax Demand Waived: 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, 1 लाख रुपये तक टैक्स डिमांड किया माफ!</a></strong></p>
<p style="text-align: justify;"> </p>
<p style="text-align: justify;"> </p>
[ad_2]
Source link