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Anil Kumble on Bazball: ब्रेंडन मैक्कुलम और बेन स्टोक्स की कोच और कप्तान वाली जोड़ी का विजयरथ आखिरकर भारत में आकर रुक गया. जब से इन दोनों ने इंग्लैंड की टेस्ट टीम की कमान संभाली थी, तब से लेकर भारत आने तक इन्हें एक भी सीरीज में हार नहीं मिली थी. अपनी नई खेल शैली (बैजबॉल) के साथ इन्होंने सभी 7 सीरीजों में दबदबा बनाए रखा था. लेकिन 8वीं सीरीज इन्हें मुंह की खानी पड़ी.
क्रिकेट के जानकार पहले से ही इंग्लिश टीम को भारत में बैजबॉल की सफलता के प्रति आश्वस्त न रहने के लिए अलर्ट कर रहे थे. और आखिर में हुआ भी यही. इंग्लैंड को अपनी इस धाकड़ खेल शैली के बावजूद सीरीज गंवानी पड़ी. हालांकि अनिल कुंबले का मानना है कि इंग्लैंड केवल बैजबॉल के कारण नहीं हारा बल्कि इसके पीछे कई और भी कारण रहे. उन्होंने इसके लिए इंग्लैंड के बॉलिंग अटैक को अहम कारण माना. उन्होंने यह भी कहा कि बैजबॉल हो या और भी कुछ हो, भारत को घर में हराना आसान काम नहीं.
जियो सिनेमा पर बातचीत करते हुए अनिल कुंबले ने कहा, ‘देखिए, जब इंग्लैंड की टीम यहां आई थी तभी से चुनौती स्पष्ट थी कि भारत में जीतना आसान नहीं है. बैजबॉल या जो भी बॉल आप इसे कहें… लेकिन भारत को उसके घर में हराना आसान नहीं है. घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम हमेशा से हावी रही है. पिछले दशक में, भारत ने कभी भी घरेलू मैदान पर श्रृंखला नहीं हारी है. वे (इंग्लैंड) जानते थे कि उन्हें अगर जीतना है तो कुछ अलग होना होगा लेकिन उनका गेंदबाजी आक्रमण ऐसा नहीं था जिसके बारे में उन्हें विश्वास हो कि वह भारतीय बल्लेबाजी को भेदने में सक्षम होंगे.’
मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज भी फ्लॉप रहे
कुंबले ने कहा, ‘जब उन्हें पता चला कि भारत के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी इस सीरीज में उपलब्ध नहीं होंगे, तो टीम इंडिया की अनुभवहीन लाइन-अप के साथ, उनके (इंग्लैंड) पास एक मौका था, लेकिन सीनियर बल्लेबाजों ने मध्य क्रम में लगातार योगदान नहीं दिया. बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो यहां तक कि रांची टेस्ट को छोड़ दें तो जो रूट भी बल्ले से योगदान नहीं दे सके.’
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